पटना: जदयू के बागी विधायकों की सदस्यता पर शनिवार को भी फैसला नहीं हो सका. सुनवाई की तिथि सात दिनों के लिए बढ़ा दी गयी है. चारों विधायकों को लिखित रूप से जवाब देने के लिए सात दिन का और समय दिया गया है.
विस अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने 12 जुलाई को सुनवाई की अगली तारीख रखी है. उन्हें अपने वकीलों को भी साथ लाने को कहा गया है, ताकि दोनों पक्षों की ओर से बहस
हो सके. शनिवार को इन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखित जवाब न देकर उनके खिलाफ की गयी शिकायत की प्रक्रिया को गलत बताते हुए ऑब्जेक्शन पिटिशन दिया. सुनवाई के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अभी सुनवाई चलेगी. इसके लिए 12 जुलाई की तारीख दी गयी है.
सदस्यों को अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जायेगा. 12 जुलाई को तीन बजे ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, साढ़े तीन बजे राहुल शर्मा, चार बजे नीरज कुमार सिंह और साढ़े चार बजे रवींद्र राय को सुनवाई का समय दिया गया है. आपको बता दें कि जदयू के दो अन्य बागी कांटी के विधायक अजीत कुमार और साहेबगंज के विधायक राजू कुमार सिंह की सुनवाई की तारीख भी 12 जुलाई ही है. 11 बजे अजीत कुमार और 11.30 बजे राजू सिंह विधानसभा अध्यक्ष के सामने अपना पक्ष रखेंगे.
मानसिक रूप से किया जा रहा प्रताड़ित : ज्ञानू
बागी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि पहले दो दिन, फिर एक सप्ताह और उसके बाद सात दिन का और समय देकर हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. हम लोग मॉनसून सत्र के बाद का समय मांग रहे थे, लेकिन थोड़ा-थोड़ा समय देकर प्रताड़ित किया जा रहा है. जबकि, विधायक रेणु कुशवाहा व अन्नु शुक्ला को 25-25 दिनों का समय दिया गया है. विधानसभा के मॉनसून सत्र के कारण हम लोग अपने क्षेत्र में नहीं जा पा रहे हैं और फिर से अगले शनिवार (12 जुलाई) का समय दिया गया है. ज्ञानू ने कहा कि जिस समय की मांग हम कर रहे हैं, वह हमारा अधिकार है, लेकिन उसका हनन किया जा रहा है.
वकील को नहीं दी बहस की इजाजत : नीरज
बागी विधायक नीरज कुमार सिंह ने कहा कि सुनवाई के दौरान हमारे वकील को बहस करने की अनुमति नहीं दी गयी. 12 जुलाई को फिर वकील लाने को कहा गया है, तब बहस होगी. हम लोगों के खिलाफ जो शिकायत आयी है, वही अवैध तरीके से आयी है. एक माह की जगह दो दिन, सात दिन का समय देकर सिर्फ टेंशन दिया जा रहा है.
विद्वेषपूर्ण हो रही कार्रवाई : रवींद्र राय
बागी विधायक रवींद्र राय ने कहा कि हम लोगों पर विद्वेषपूर्ण कार्रवाई की जा रही है. विधानसभा का मॉनसून सत्र सोमवार से शुक्रवार तक चलता है. इस दौरान हम सदन में रहते हैं. शनिवार को सुनवाई हो रही है और अगली सुनवाई भी शनिवार को होगी. ऐसे में हम अपने विधानसभा क्षेत्र भी नहीं जा पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह केस ही अवैध है. विधानसभा के कानून 1986 के तहत पालन ही नहीं हो रहा है.
शिकायत ही जायज नहीं : शशिभूषण मंगलम
बागी विधायकों के वकील शशिभूषण मंगलम ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार की शिकायत ही जायज नहीं है. उन्होंने जो पिटिशन दिया है, वह सही नहीं है. यह लॉ को पूरा नहीं करता है. इस पर विधानसभा अध्यक्ष चाहें, तो शिकायत को रद्द कर सकते हैं और शिकायतकर्ता को इसकी सूचना दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि विधायकों ने शनिवार को रिटेन स्टेटमेंट नहीं दिया, बल्कि शिकायत पर ऑब्जेक्शन पिटिशन दिया है. इसी पर एक सप्ताह का समय मिला है.
समय बरबाद कर रहे बागी, स्पीकर शीघ्र करें फैसला : श्रवण
पटना. सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक व संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि बागी विधायक जवाब नहीं दे रहे हैं, सिर्फ समय की मांग कर रहे हैं. वे लोग तथ्य को छिपा रहे हैं और शिकायत के आवेदन को ही गलत बता रहे हैं. उन पर जो आरोप लगाये गये हैं, उस पर वे विधानसभा के कोर्ट में जवाब नहीं देना चाहते. शनिवार को लिखित रूप से जवाब देने की अंतिम तिथि थी, लेकिन उन्होंने नहीं दिया. ऐसा कर वे सिर्फ विधानसभा न्यायालय का समय बरबाद कर रहे हैं. उनकी मंशा है कि समय बढ़ता जाये और उन्हें शिकायत पर जवाब देना न पड़े. विधानसभा अध्यक्ष को इस पर जल्द फैसला सुनाना चाहिए. शिकायत पत्र के जायज नहीं होने के सवाल पर श्रवण कुमार ने कहा कि संविधान की 10वीं अनुसूची के अंतर्गत आवेदन दिया गया है. यह न्यायसंगत व विधिसंगत है. इसी आधार पर उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. पता नहीं वे कहां से वकील ला रहे हैं? हमने जो आवेदन दिया है, वह सही है. अगर उन्हें तथ्य गलत लग रहे हैं, तो अपना जवाब देना चाहिए. सोमवार को कुछ और बागियों की सदस्यता रद्द करने की भी विधानसभा अध्यक्ष से सिफारिश की जायेगी.