फ़्रांस में पुलिस हिरासत में रहने वाले पहले पूर्व राष्ट्रपति निकोला सार्कोज़ी का कहना है कि उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा ‘राजनीतिक साज़िश’ है.
सार्कोज़ी पर पद के दुरुपयोग का आरोप है.
सार्कोज़ी पर अगर आरोप साबित हो जाता है तो उन्हें 10 साल की क़ैद और लगभग 1.20 करोड़ रुपयों के बराबर जुर्माना हो सकता है.
फ़्रांसीसी प्रधानमंत्री मैन्युअल वाल्स ने कहा कि यह जांच स्वतंत्र है और कोई भी क़ानून से ऊपर नहीं है.
सार्कोज़ी साल 2017 में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.
चंदा
वो अपना पिछ्ला चुनाव हार गए थे उसके बाद से फ्रांसुआ ओलांद फ़्रांस के राष्ट्रपति हैं.
सार्कोज़ी पर आरोप है कि उन्होंने 2007 के चुनाव अभियान में लीबियाई तानाशाह मुअम्मर गद्दाफ़ी से ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से चंदा लिया था.
उन पर ताज़ा आरोप यह है कि इस मामले में होने वाली जांच के बारे में उन्होंने एक जज से अंदरूनी जानकारी जुटाने की कोशिश की.
मंगलवार को पूछताछ के लिए सार्कोज़ी को हिरासत में ले लिया गया था लेकिन उसी दिन आधी रात के क़रीब पेरिस की एक अदालत में पेश होने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था.
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