हम अपने आस-पास और और दूर-सुदूर की खबरें जानने को उत्सुक रहते हैं. मीडिया के विकास के पीछे हमारी यही इच्छा रही है. मीडिया ही एक ऐसा साधन है, जिससे लोकतंत्र की शासन प्रणाली फलती-फूलती है. मीडिया शासक और शासित के बीच मध्यस्थ की भूमिका में सामंजस्य बिठाने की कोशिश करता है.
दुनिया के कई देशों में मीडिया ने जातियों के उत्थान और कुरीतियों के पतन में बड़ी भूमिका निभायी है. बदलती तकनीक के साथ मीडिया अखबार के अलावा, टीवी, रेडियो, इंटरनेट आदि के रूप में हमारे सामने है. लेकिन जैसे हर वस्तु की खूबी के साथ खामी भी होती है, ऐसा मीडिया में भी है. कई बार समाज की नकारात्मकता को प्रदर्शित करते समय इसे इस बात का भान नहीं रहता कि उसके इस कृत्य से नकारात्मकता प्रचारित भी होने लगती है. इस पर ध्यान रहे.
अभिषेक पांडे, धनबाद