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बीएयू ने मनाया 34वां स्थापना दिवस, मंत्री ने कहा: एजेंडा बनायें सरकार 100 करोड़ रुपये देगी

रांची/कांके: राज्य के कृषि मंत्री योगेंद्र साव ने कहा कि सरकार बिरसा कृषि विवि (बीएयू) के विकास के लिए फंड की कमी नहीं होने देगी. विवि विकास का एजेंडा दे, सरकार सौ करोड़ रुपये की एकमुश्त राशि उपलब्ध करायेगी. बीएयू की स्थापना राज्य के किसानों के विकास को ध्यान में रख कर की गयी है, […]

रांची/कांके: राज्य के कृषि मंत्री योगेंद्र साव ने कहा कि सरकार बिरसा कृषि विवि (बीएयू) के विकास के लिए फंड की कमी नहीं होने देगी. विवि विकास का एजेंडा दे, सरकार सौ करोड़ रुपये की एकमुश्त राशि उपलब्ध करायेगी. बीएयू की स्थापना राज्य के किसानों के विकास को ध्यान में रख कर की गयी है, इसलिए यहां के वैज्ञानिक किसानों की दशा सुधारने के लिए बेहतर कार्य करें. अच्छी तकनीक विकसित कर उन तक पहुंचाने में सहयोग करें. श्री साव 26 जून को बिरसा कृषि विवि के 34वें स्थापना दिवस समारोह में बोल रहे थे.

मंत्री ने कहा कि विवि अपने आसपास के दो-चार गांवों को गोद ले. वहां के युवाओं और किसानों को वैज्ञानिक ढंग से खेती करने के लिए प्रेरित करे. सही ढंग से कृषि विभाग को मिली पूरी राशि खर्च किए जाने पर राज्य कृषि क्षेत्र में न केवल आत्मनिर्भर हो जायेगा, बल्कि निर्यात करने की स्थिति में भी होगा. उन्होंने विवि के वैज्ञानिकों से गन्ना की खेती के विकास के लिए कार्य करने को कहा. मंत्री ने हजारीबाग प्रक्षेत्र के गौरिया करमा के विकास के लिए पूरी योजना बनाने का निर्देश विवि प्रशासन को दिया.

मंत्री ने कहा कि विवि में मैनपावर की कमी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी जेपीएससी के अध्यक्ष से बात की है. उन्होंने बीएयू कर्मियों का बकाया भुगतान जल्द कराने एवं एमएसीपी एवं एसीपी के संबंध नियमानुकूल कार्रवाई कराने की बात कही.

डॉ रतन ने सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने, प्रत्येक खेत में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था करने, खाद्य एवं पोषण सुरक्षा से निपटने के लिए बेकार पड़ी जमीन को उपयोग योग्य बनाने, मार्केटिंग को मजबूत करने, किसानों के लायक एग्रो-फॉरेस्ट्री मॉडल बनाने, छोटे किसानों के उपयोग में आने वाले यंत्र बनाने की जरूरत बतायी. उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्रो के वैज्ञानिकों के ग्रेड पे को 5400 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये करने की बात कही.

विशिष्ट अतिथि कांके के विधायक रामंचद्र बैठा और निदेशक छात्र एवं कल्याण डॉ एनके राय ने भी इस मौके पर अपने विचार रखे. इस अवसर पर मंत्री ने बीएयू की वार्षिक रिपोर्ट और ब्रोसर का विमोचन किया. कार्यक्रम में डीन, निदेशक, विभागाध्यक्ष सहित सभी शिक्षक, कर्मचारी व विद्यार्थी उपस्थित थे.

पुरस्कृत हुए किसान, कर्मचारी और छात्र

समारोह में राज्य के विभिन्न जिलों से चुने गए पांच प्रगतिशील किसानों को पुरस्कृत किया गया. इनमें पलामू के संजय कुमार को बटन मशरुम की खेती, हजारीबाग के सुखदेव राणा को सब्जी की खेती एवं मत्स्य पालन, रांची के नारायण बेदिया को लाह की खेती, पश्चिम सिंहभूम के गणोश केराई को समन्वित कृषि प्रणाली, गिरिडीह के बाबूलाल महतो को केंचुआ खाद के लिए पुरस्कृत किया गया. संध्या कुजूर, अभिषेक प्रदीप और चंदन कुमार को सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी और संकायवार सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक प्रदर्शन करने के लिए कृषि संकाय की कुलसूम जिया, वानिकी से इस्मत जहां और वेटनरी से आयुष्मान कुमार को पुरस्कृत किया गया. विवि के सर्वश्रेष्ठ एथलीट का पुरस्कार शिवशंकर प्रसाद और कुमारी ब्यूटी को दिया गया. कर्मचारियों की निबंध प्रतियोगिता में प्रथम आने वाले अमित कुमार झा, द्वितीय संगीता विजया और तृतीय मो शमशुल हक को भी पुरस्कृत किया गया.

गांवों में जायेंगे वैज्ञानिक

इस अवसर पर बीएयू के कार्यवाहक कुलपति सह प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आरपी सिंह ने कहा कि विवि के वैज्ञानिक और छात्र आवश्यकता पड़ने पर गांवों में जायेंगे. डॉ रतन ने विवि के बेहतर प्रदर्शन के लिए मानव संसाधन की कमी को दूर करने की मांग की. उन्होंने कहा कि अब नियुक्ति जेपीएससी के माध्यम से होगी, जबकि वास्तव में यह अधिकार विवि का होना चाहिए. उन्होंने बीज उत्पादन के लिए कृषि मंत्री से एक करोड़ रुपये रिवाल्विंग फंड के रूप में देने की मांग की. तैयार पड़े दो-तीन कॉलेजों को छह माह के भीतर शुरू करने की अनुमति मांगी.

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