देवघर: बुधवार की शाम सदर अस्पताल परिसर में संदीप केसरी उर्फ गोलू (18) पिता दीपक कुमार केसरी की मौत हो गयी. इसके बाद आक्रोशित परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा करने लगे. परिजनों में सदर अस्पताल में तोड़-फोड़ भी किया. इसके बाद दोषी डॉक्टर को सामने लाने की मांग पर टावर चौक के समीप सड़क जाम कर दिया.
पेट दर्द व उल्टी की थी शिकायत: संदीप दु:खी साह रोड का रहने वाला था.
वह एएस कॉलेज में इंटर का छात्र था. मृतक के भाई सोनू केसरी ने बताया कि आज सुबह गोलू को पेट दर्द व उल्टी की समस्या होने पर दोपहर लगभग 12 बजे इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया. ऑन ड्यूटी चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद दवा लिखी. उसके बाद स्थिति सामान्य बता कर आराम के लिए घर भेज दिया. कुछ देर घर में आराम करने के बाद फिर से गोलू की तबियत खराब हो गयी. शाम लगभग पांच बजे आनन-फानन में घरवाले उसे लेकर दोबारा सदर अस्पताल पहुंचे. जहां पहले तो कोई चिकित्सक नहीं थे. मगर कुछ देर बाद दो डॉक्टर आये. एक ने नब्ज टटोला. दूसरे ने टार्च के अभाव में मोबाइल की रोशनी दिखाने को कहा. उसके बाद डॉक्टरों ने मेरे भाई को मृत घोषित कर दिया. सोनू ने आरोप लगाते कहा कि ससमय इलाज होता तो मेरे भाई की जान बच सकती थी. इन डॉक्टरों से ज्यादा दोषी दोपहर में ड्यूटी करनेवाले डॉक्टर हैं जिसने भाई का पहले इलाज किया. यदि उन्होंने गोलू को इलाज के लिए उसी समय अस्पताल में भरती कर दिया होता तो शायद मेरे भाई की जान बच सकती थी.
आक्रोशित परिजनों ने ओपीडी वार्ड में किया तोड़फोड़
सोनू का इतना कहना शेष था कि फिर देखते ही देखते अस्पताल का ओपीडी वार्ड उलट-पुलट हो गया. परिजनों ने दोषी डॉक्टर को सामने लाने, उस पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर पहले ओपीडी में बैठने वाले चिकित्सकों के टेबल-चेयर, मरीज को इलाज के लिए लिटाने वाले बेड को उठाकर फेंक दिया. बाद में सूचना पाकर एसडीओ जय ज्योति सामंता, एसडीपीओ अनिमेष नैथानी, सीओ शैलेश कुमार, बीडीओ सुलेमान मुंडारी, एएसआइ अमरेंद्र सिंह सहित काफी संख्या में पुलिस बल पहुंचे व लोगों को समझा-बुझा कर शांत कराया.
सूचना पाकर जुटे लोग, किया टावर चौक जाम
उधर, घटना की सूचना पाकर शहर में रहने वाले परिजन व आस-पड़ोस के लोग सदर अस्पताल में जमा होने लगे. सीएस-डीएस मुर्दाबाद, दोषी डॉक्टर को सामने लाओ के नारे लगाते हुए अस्पताल से बाहर जाकर टावर चौक के समीप सड़क जाम कर दिया. आधे घंटे से भी ज्यादा समय तक जाम रहने व आवागमन को लेकर लोगों की परेशानियों को देखते हुए एसडीओ, एसडीपीओ जाम कर रहे लोगों के पास पहुंचे. मगर वो सीविल सजर्न को व दोषी चिकित्सक को बर्खास्त करने की मांग को लेकर डटे रहे.