बगदाद : इराक में सुन्नी चरमपंथियों ने दो सीमा क्रॉसिंग- एक जोर्डन की सीमा पर और दूसरा सीरिया की सीमा पर क्रॉसिंगों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है. यह संकट में घिरे प्रधानमंत्री के लिए एक और झटका है और लडायी जार्डन के द्वार तक पहुंच गयी है जो अमेरिका का अहम सहयोगी है.
इराकी अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों ने सरकारी बलों के हटने के बाद जोर्डन से सटे तूरैबिल क्रॉसिंग और सीरिया से सटे अल वलीद क्रॉसिंग पर कब्जा जमा लिया. इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांत (आइएसआइएल) के चरमपंथियों ने रवा और अना शहरों पर कब्जा कर लिया है. इराकी नागरिकों का कहना है कि चरमपंथियों ने कल अल कईम क्रासिंग पर भी नियंत्रण स्थापित कर लिया.
तिकरित के पूर्व में स्थित अल आलम इलाके में सरकार समर्थक लडाकों और सुरक्षा बलों तथा चरमपंथियों के बीच झडप हुई है. चरमपंथियों ने प्रांतीय गवर्नर की महिला मामलों की सलाहकार की हत्या कर दी. आइएसआइल का मकसद इराक और सीरिया को मिलाकर एक इस्लामिक देश की स्थापना करना है. सीरिया में यही संगठन राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ विद्रोह में प्रमुख ताकत है.
अमेरिका चाहता है कि अरब देश इराक के नेताओं पर दबाव बनाएं ताकि वे सरकार गठन की प्रक्रिया को गति दे सकें. इसी साल अप्रैल में इराक में चुनाव हुए थे, लेकिन सरकार के गठन की प्रकिया में मामूली प्रगति हुई है. अमेरिका प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी के हटने की मांग पर फिलहाल विराम लगाते हुए कह रहा है कि अपना नेता चुनने का अधिकार इराकी जनता को है.
राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुक्रवार को सीएनएन से कहा था, हमने इराक को समावेशी लोकतंत्र लाने का मौका दिया है. उन्हें जातीय आधार से उपर उठकर अपने बच्चों को बेहतर भविष्य प्रदान करना है. उधर, अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी इराक संकट की पृष्ठभूमि में काहिरा पहुंच गए हैं. उनके इस दौरे का मकसद इराक के अलग अलग धडों के नेताओं को एकजुट करना है.
इस बीच ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनी ने कहा कि वह इराक में अमेरिका के दखल के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा, हम इराक के घरेलू मामले में अमेरिका तथा दूसरों के दखल का कडा विरोध करते हैं. वहां दो धडों के बीच विवाद है जिनमें से एक चाहता है कि इराक अमेरिकी खेमे में शामिल हो जाए, जबकि दूसरा चाहता है कि इराक स्वतंत्र राष्ट्र रहे.