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प्रमुख इराक़ी शहरों पर क़ब्ज़े के लिए संघर्ष

उत्तरी इराक़ में सुन्नी चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट इन इराक़ ऐंड अल शाम यानी आईएसआईएस और सेना के बीच बैजी तेल रिफ़ाइनरी और तल अफ़र हवाई अड्डे पर क़ब्ज़े को लेकर भीषण लड़ाई चल रही है. इराक़ की सबसे बड़ी तेल रिफ़ाइनरी बैजी को विद्रोहियों ने घेर रखा है. आईएसआईएस ने ये भी दावा किया […]

उत्तरी इराक़ में सुन्नी चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट इन इराक़ ऐंड अल शाम यानी आईएसआईएस और सेना के बीच बैजी तेल रिफ़ाइनरी और तल अफ़र हवाई अड्डे पर क़ब्ज़े को लेकर भीषण लड़ाई चल रही है.

इराक़ की सबसे बड़ी तेल रिफ़ाइनरी बैजी को विद्रोहियों ने घेर रखा है. आईएसआईएस ने ये भी दावा किया है कि उसने तल अफ़र हवाई अड्डे के अधिकांश हिस्से पर क़ब्ज़ा कर लिया है.

आईएसआईएस ने दावा किया है कि उसके लड़ाकों ने बैजी रिफ़ाइनरी के पास सेना के दो हेलीकॉप्टरों को मार गिराया. हालांकि उसके इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है.

इराक़ के उत्तरी शहर इरबिल में मौजूद बीबीसी संवाददाता जिम म्यूर का कहना है कि ये माना जा रहा है कि आईएसआईएस ने बैजी रिफ़ाइनरी के एक बड़े हिस्से पर क़ब्ज़ा कर लिया है.

साथ ही उन्होंने बग़दाद से 70 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में स्थित मुथान्ना में रासायनिक हथियारों की बंद पड़ी फ़ैक्ट्री पर भी क़ब्ज़ा कर लिया है.

रासायनिक हथियार

अमरीका ने कहा है कि उसको नहीं लगता कि इस फ़ैक्ट्री में ऐसे पदार्थ हैं जिनका इस्तेमाल करके विद्रोही रासायनिक हथियार बना सकते हैं.

लेकिन विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा, "हम किसी भी सैन्य ठिकाने के आईएसआईएस के हाथों में पड़ने से चिंतित हैं."

इराक़ ने अमरीका से आईएसआईएस के ठिकानों पर हवाई हमले करने को कहा है.

एक दिन पहले ही अमरीका ने 300 सैन्य सलाहकारों को इराक़ भेजने की घोषणा की है जो विद्रोहियों से निपटने में इराक़ी सरकार की मदद करेंगे.

राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि इराक़ में अमरीकी सैनिक लड़ाई में हिस्सा नहीं लेंगे.

सैन्य समाधान

उन्होंने कहा कि अमरीका इराक़ में जब भी ज़रूरी होगा सीमित सैन्य कार्रवाई करने को तैयार है, लेकिन साथ ही ये भी कहा कि इस मामले का कोई "सैन्य समाधान नहीं" है.

इराक़ जाने वाले अमरीकी सैन्य सलाहकारों का संबंध विशेष दस्तों से है और वे इराक़ी सेना के साथ संयुक्त कमान सेंटर स्थापित करेंगे. साथ ही उन्होंने नूरी अल मलिकी सरकार से ‘समावेशी’ होने की अपील की है.

उन्होंने कहा कि केवल समावेशी एजेंडा वाले नेता ही सही मायने में इराक़ी जनता को एकजुट करने में सफल होंगे.

ओबामा ने कहा, ”अमरीका कोई ऐसी सैन्य कार्रवाई नहीं करेगा जो इराक़ के अंदर किसी एक समुदाय की क़ीमत पर दूसरे समुदाय को मदद करती हो.”

अमरीका के विदेश मंत्री जॉन केरी के जल्दी ही इराक़ जाने की संभावना है.

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