रांची: पड़ोसी राज्य बिहार में इंसेफलाइटिस से लगातार हो रहे बच्चों की मौत के बाद झारखंड में भी अलर्ट घोषित किया गया है. राज्य सरकार ने बिहार से जुड़े सभी 10 जिलों को सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है. इन जिलों के मेडिकल ऑफिसरों को अपने जिला में जागरूकता अभियान चला कर लोगों को इंसेफलाइटिस की जानकारी देने को कहा गया है. जिलों को फॉगिंग मशीन भी उपलब्ध करा दी गयी है.
यदि इंसेफलाइटिस से पीड़ित कोई मरीज जिला में मिलता है, तो निर्धारित गाइड लाइन के तहत इलाज मुहैया कराने एवं समय रहते रिम्स में मरीज को रेफर करने को कहा गया है.
इन जिलों को दिया गया है सतर्कता का निर्देश
पलामू, चतरा, गढ़वा, हजारीबाग, गिरिडीह, कोडरमा, दुमका, देवघर, गोड्डा, साहेबगंज.
टीकाकरण का दावा
राज्य के चार जिलों पलामू, चतरा, दुमका एवं गिरिडीह में इंसेफलाइटिस को लेकर टीकाकरण अभियान चलाया गया है. इन जिलों में दो वर्ष से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चों में टीका दिलाया गया है. जिला के मेडिकल अफसर को टीकाकरण की जिम्मेदारी दी गयी है. इसके अलावा हर जिलों को फॉगिंग मशीन भी उपलब्ध करायी गयी है.
खून का सैंपल जांच के लिए पुणो भेजा गया
रिम्स के शिशु विभाग में भरती दो बच्चों के खून सैंपल को जांच के लिए पुणो भेजा गया है. इंसेफलाइटिस के संदेह में इसे जांच के लिए भेजा गया है. जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में आने की उम्मीद है. शुक्रवार को रिम्स के शिशु विभाग में बुखार की समस्या को लेकर इन बच्चों को भरती किया गया है. रिम्स के शिशु विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एके शर्मा ने बताया कि रिम्स में इंसेफलाइटिस के इलाज के लिए हम तैयार है.
इंसेफलाइटिस मच्छर काटने से होने वाली बीमारी है. यह वायरल एवं बैक्टीरियल दोनों प्रकार के संक्रमण से होता है. इसे दिमागी बुखार भी कहते हैं. इसकी चपेट में आने पर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. यह दिमाग पर ज्यादा असर डालता है. यह बीमारी बच्चों में अधिक होती है. लक्षण: तेज बुखार, शरीर में दर्द, बेहोश हो जाना, मांसपेशियों में दर्द.
मच्छर से बचें
घर के अंदर या बाहर गंदगी जमा नहीं रहने दें
घर के भीतर किसी भी बर्तन में ज्यादा दिनों तक पानी नहीं रखें, बच्चों को मच्छरों के प्रकोप से बचायें
बुखार हो, तो तुरंत इसकी जांच करायें, घर को साफ सुथरा रखें
इंसेफलाइटिस को लेकर राज्य में अलर्ट घोषित किया गया है. 10 जिलों के मेडिकल अफसर को सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है. चार जिलों में दो से 15 साल तक के बच्चों का टीकाकरण करा दिया गया है.
डॉ सुमंत मिश्र, निदेशक प्रमुख