कूचबिहार: उत्तर बंगाल राष्ट्रीय परिवहन निगम (एनबीएसटीसी) के कायाकल्प की चाहे जितनी बातें कर ली जाये, लेकिन वास्तविकता यह है कि इसकी स्थिति भी धीरे-धीरे हिमूल जैसी होती जा रही है.
यहां भी कर्मचारियों के वेतन देने के लाले पड़ गये हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार, एनबीएसटीसी के सैकड़ों कर्मचारी कई महीनों से आधी तनख्वाह पर गुजारा कर रहे हैं.
एनबीएसटीसी के प्रबंध निदेशक से लेकर एनबीएसटीसी के चेयरमैन मंत्री गौतम देव से सैकड़ों बार गुहार लगाने के बावजूद कोई लाभ नहीं हुआ है. यह हाल यहां के ना केवल अस्थायी कर्मचारी, बल्कि स्थायी कर्मचारियों की भी है. इसके अलावा जो लोग यहां से रिटायर हो चुके हैं उन्हें भी पीएफ तथा पेंशन के मद में किसी प्रकार का कोई भुगतान नहीं हो रहा है. इससे एनबीएसटीसी के तमाम कर्मचारियों की स्थिति बद-से-बदतर हो गयी है. कई कर्मचारियों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि जानबूझ कर उन्हें वेतन नहीं दिये जा रहे हैं.
वेतन नहीं मिलने के कारण उन लोगों की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल हो गयी है. कर्मचारियों का कहना है कि वेतन नहीं मिलने के कारण घर चलाना मुश्किल हो गया है. ऐसे एनबीएसटीसी की बदहाली पहले से ही थी. वाम मोरचा के शासनकाल में भी तमाम प्रयासों के बावजूद एनबीएसटीसी की बदहाली को दूर कर पाना संभव नहीं हो सका था. राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद तृणमूल कांग्रेस सरकार से लोगों की नयी आस बंधी. एनबीएसटीसी के कर्मचारियों का कहना है कि जब से राज्य में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सत्ता में आयी हैं तब से एनबीएसटीसी की स्थिति सुधरने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन ऐसा अब तक नहीं हो सका है. इस बीच वेतन भत्ते नहीं मिलने के कारण एनबीएसटीसी के कर्मचारियों ने कलकत्ता हाईकोर्ट में एक मामला दायर कर दिया है.
दूसरी तरफ एनबीएसटीसी के आधिकारिक सूत्रों ने कहा है कि कर्मचारियों के बकाया वेतन के भुगतान के संबंध में कई बार राज्य के परिवहन मंत्रलय से बातचीत की गयी है.
सूत्रों ने आगे कहा कि हाईकोर्ट में मुकदमा दायर होने संबंधी जानकारी उन्हें भी है और इस संबंध में राज्य सरकार को तमाम परिस्थितियों से अवगत करा दिया गया है.
कर्मचारी संगठन ने मामला दायर किया है
सीटू अनुमोदित एनबीएसटीसी इंप्लाइज यूनियन द्वारा यह मामला दायर किया गया है. संगठन के सचिव जगत ज्योति दत्त ने कहा है कि सरकार से वेतन के बाबद कई बार गुहार लगाने के बावजूद कोई लाभ नहीं हुआ. उसके बाद मजबूरी में मामला दायर करने के लिए बाध्य होना पड़ा है. उन्होंने बताया कि कलकत्ता हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई 23 जून को होगी. संगठन की ओर से विकास भट्टाचार्य मुकदमे की पैरवी करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि कर्मचारियों को कभी भी एकमुश्त वेतन का भुगतान नहीं किया गया. हर माह ही कर्मचारियों को 40 से 50 प्रतिशत वेतन दिये जाते हैं. बकाये वेतन के बाद में भुगतान की बात कही जाती है. इस मद में 33 करोड़ रुपये से भी अधिक का बकाया हो गया है. उसके बावजूद एनबीएसटीसी प्रबंधन ने इस समस्या के समाधान की दिशा में कोई पहल नहीं की.