हैदरनगर (पलामू) : मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी शिव नारायण यादव ने प्लस टू उवि के हॉल में पंचायत प्रतिनिधि, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, आंगनबाड़ी सेविका, जल सहिया व स्वास्थ्य सहिया के साथ बैठक की.
कहा कि राज्य चुनाव आयुक्त के निर्देश पर इस कार्य में आंगनबाड़ी सेविका व सहिया से सहयोग लिया जा रहा है. विशेष पुनरीक्षण के बाद किसी मतदाता का नाम छूट न जाये, इसका ध्यान आंगनबाड़ी सेविकाएं रखेंगी. उन्होंने कहा कि हुसैनाबाद विस में जनसंख्या के अनुपात में सिर्फ 56 प्रतिशत मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में दर्ज है.
इसे बढ़ाने के उद्देश्य से ही इस महत्वपूर्ण कार्य की जवाबदेही आंगनबाड़ी सेविका व सहिया को दी जा रही है. श्री यादव ने कहा कि 21, 22, 28 व 29 जून को विशेष अभियान दिवस रखा गया है. इन तिथियों को सभी बीएलओ अपने-अपने मतदान केंद्रों पर उपस्थित रहेंगे. अगर बीएलओ मतदान केंद्र पर मौजूद नहीं रहते हैं, तो इस संबंध में पंचायत प्रतिनिधि, पंचायत सेवक, आंगनबाड़ी सेविका व सहिया तत्काल उन्हें सूचना दें. अगर उन्हें किसी दूसरे माध्यम से सूचना मिलती है, तो संबंधित पंचायत सेवक, आंगनबाड़ी सेविका जिम्मेदार होंगे. 15 जुलाई को आवेदक देखें कि उन्होंने आवेदन किया है, तो उनका नाम जुड़ा है या नहीं.
आंगनबाड़ी सेविका भी 15 जुलाई को बीएलओ के पास मतदाता सूची का अवलोकन कर लें. अगर आवेदन करने वालों में से किसी का आवेदन बीएलओ के पास नहीं मिल रहा है, तो उनका पुन: आवेदन दिलायें. एसडीओ ने आंगनबाड़ी सेविकाओं को निर्देश दिया कि वह 18 वर्ष पूरी करनेवाली लड़कियों का हर हाल में नाम दर्ज करायें. बैठक में बीडीओ विजय वर्मा, उप प्रमुख गीता देवी, जीपीएस जगजीवन राम, पंचायत प्रतिनिधियों में विनोद पांडेय, गुप्तेश्वर पांडेय, नेजामुद्दीन खां, सहरे बानो, महेंद्र राम, बीपीओ चंद्रशेखर कुमार, नरेंद्र सिंह, संतन सिंह, पंचायत सेवक संतोष तिवारी, मुकेश कुमार, जेइ आनंद कुमार सिंह समेत सहिया व आंगनबाड़ी सेविकाएं मौजूद थीं.
पर्यवेक्षिका के वेतन पर रोक : बैठक में प्रभारी महिला पर्यवेक्षिका सरस्वती देवी के अनुपस्थित रहने पर अनुमंडल पदाधिकारी ने बीडीओ सह प्रभारी सीडीपीओ से उनके बारे में पूछा. उन्होंने बताया कि वह विगत डेढ़ माह से बगैर सूचना के अनुपस्थित हैं. इस संबंध में उन्होंने उच्चधिकारियों को सूचना दे दी है.
एसडीओ ने निर्देश दिया कि पर्यवेक्षिका सरस्वती देवी के वेतन पर रोक लगायें. उन्हें वेतन दिया गया, तो निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी पर कार्रवाई की जायेगी.