केंद्र में सत्ता बदलने के बाद पांच राज्यपालों ने सरकार का निर्देश मानने से इनकार कर दिया है. सूत्रों के हवाले से इंडिया टीवी ने सोमवार को बताया कि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बीएल जोशी, केरल की गवर्नर शीला दीक्षित, पंजाब के महामहिम शिवराज पाटील, पश्चिम बंगाल के गवर्नर एमके नारायणन और मध्यप्रदेश के राज्यपाल राम नरेश यादव से गृह मंत्रालय ने कहा कि वे इस्तीफा दे दें अन्यथा उन्हें बरखास्त कर दिया जायेगा. जवाब में सभी ने कहा कि केंद्र जो कार्रवाई करना चाहे, करे, वे इस्तीफा नहीं देंगे.
राज्यपाल का कार्यकाल पांच साल का होता है. प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति उन्हें समय से पहले पद से हटा सकते हैं या राज्यपाल खुद इस्तीफा दे सकते हैं. ज्ञात हो कि जोशी को जुलाई, 2009 में गवर्नर नियुक्त किया गया था, जबकि शीला दीक्षित को दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद मार्च, 2014 में. शिवराज पाटील और एमके नारायणन को जनवरी, 2010 में क्रमश: पंजाब और पश्चिम बंगाल का गवर्नर नियुक्त किया गया.
वहीं, रामनरेश यादव को अगस्त, 2011 में मध्यप्रदेश का राज्यपाल बनाया गया था. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि एनडीए सरकार भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा, चमन लाल गुप्ता, विजय कुमार मल्होत्रा, कल्याण सिंह, केसरी नाथ त्रिपाठी और बलराम दास टंडन को गवर्नर नियुक्त करना चाहती है.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2004 में केंद्र की सत्ता संभालने के बाद कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने यूपी के तत्कालीन राज्यपाल विष्णुकांत शास्त्री समेत कई राज्यपालों को बरखास्त कर दिया था.