रांची : प्रीति के जीवित लौटने के बाद डीआइजी प्रवीण कुमार सिंह ने केस का फिर से अनुसंधान करने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा है कि इसके लिए पुलिस सोमवार को कोर्ट में आवेदन देगी. डीआइजी ने भी सवाले उठाते हुए कहा है कि बुंडू थाना क्षेत्र में मांझी टोला जानेवाली सड़क के किनारे से 15 फरवरी को मिला शव किस महिला था.
जब प्रीति की हत्या ही नहीं हुई, तो अमरजीत व अजीत ने अपना जुर्म क्यों स्वीकार किया. प्रीति का दुपट्टा व जूती धुर्वा डैम के पास कैसे पहुंचा. इन सबकी जांच होगी.
महिला थाने में रखा गया है प्रीति को : प्रीति को महिला थाने में रखा गया है. उसने पुलिस को बताया : मेरे पिता ने बुंडू से बरामद शव की पहचान अपनी बेटी के रूप में कैसे की और उसका दाह संस्कार क्यों किया, इस बारे में मैं कुछ नहीं जानती.
उसने बताया : 14 फरवरी को रेलवे स्टेशन पहुंची, जहां मेरी मुलाकात पुरुष मित्र दीपक से हुई. इसके बाद मैं दीपक के साथ ट्रेन से मेदिनीनगर पहुंच गयी. मोबाइल का सिम कार्ड स्टेशन के बाहर फेंक दिया. मेदिनीनगर में किराये के मकान में रहने लगी. वहीं नौकरी करने लगी. घर नहीं जाना चाहती थी, इस कारण परिजनों से संपर्क नहीं किया.
उसने बताया : जेल में बंद अमरजीत, अजीत व अभिमन्यु अच्छे दोस्त हैं. उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया. पुलिस ने प्रीति से पूछा कि उसने अपना सिम कार्ड रेलवे स्टेशन के बाहर फेंका था, फिर वह 15 फरवरी को बुंडू से मिले शव के पास कैसे पहुंचा. इस पर प्रीति ने कहा कि उसे इस संबंध में कुछ भी नहीं पता. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, प्रीति पहले दिल्ली में रहती थी. वहां से पहले भी वह गायब हो गयी थी. बाद में मेरठ से मिली थी. प्रीति का बयान सोमवार को कोर्ट में दर्ज होगा.
सुपरविजन रिपोर्ट झूठी
– सुपरविजन से पहले डीएसपी रामसरेख राय ने यह ध्यान नहीं दिया कि बुंडू से मिला शव किसी महिला का था या युवती का
– प्राथमिकी में भी इस बात का उल्लेख था कि शादीशुदा महिला का शव मिला है, जबकि प्रीति की शादी नहीं हुई है
– सुपरविजन रिपोर्ट से पहले ही कर ली गयी थी अजीत व अमरजीत की गिरफ्तारी
नहीं मिल रहा इनका जवाब
– प्रीति ने बताया कि उसने अपना सिम कार्ड रेलवे स्टेशन के बाहर फेंक दिया था. फिर सिम कार्ड 15 फरवरी को बुंडू से मिले शव के पास कैसे पहुंचा
– बुंडू से मिला शव किस महिला का था
– प्रीति की हत्या ही नहीं हुई, तो अमरजीत और अजीत ने अपना जुर्म क्यों स्वीकार किया
– प्रीति का दुपट्टा और जूती धुर्वा डैम के पास कैसे पहुंचा