नयी दिल्ली :भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महती पद को संभालने के बाद पडोसी देश भूटान के साथ ‘अनूठे और खास संबंध’ को मजबूती देने के लिए अपने विदेशी दौरे की शुरुआत करते हुए आज भूटान पहुंचे.
भूटान सरकार ने उनका भव्य स्वागत किया और उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. मोदी के साथ गए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश सचिव सुजाता सिंह का स्वागत करने के लिए पारो हवाईअड्डे पर भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे और उनके कैबिनेट सहयोगी उपस्थित थे.
प्रधानमंत्री पारो से 50 किलोमीटर दूर थिंपू गए. इस पहाडी रास्ते में प्रकृति के नयनाभिराम दृश्य दिखाई देते हैं. पारो और थिंपू के बीच पूरे रास्ते पर बच्चे और आम लोग मोदी के स्वागत में भारत और भूटान के ध्वज लहरा रहे थे. रास्ते में मोदी की तस्वीरों वाले बडे बडे होर्डिंग भी नजर आ रहे थे. अपने आगमन के फौरन बाद मोदी ने भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक से बातचीत की.
उन्होंने कहा, मैं पहले से ही मजबूत संबंधों को और मजबूत करने के लिए अत्यंत खुशी एवं दृढ इच्छा के साथ भूटान जा रहा हूं. मोदी ने बताया कि उन्होंने अपनी पहली विदेश यात्रा के रुप में भूटान को क्यों चुना. उन्होंने कहा, समान हितों और साझा समृद्धि से बंधे भारत और भूटान के बीच अद्वितीय और खास संबंध हैं जो भूगोल, इतिहास और संस्कृति के रिश्तों से बने हैं. इसलिए प्रधानमंत्री के रुप में मेरी पहली विदेश यात्रा के गंतव्य के रुप में भूटान एक स्वाभाविक पसंद है. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी यात्रा के दौरान उन्हें द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलू पर भूटान नरेश तथा भूटानी प्रधानमंत्री के साथ विस्तृत चर्चा करने का मौका मिलेगा.
उन्होंने कहा, हमारे विकास सहयोग कार्यक्रम की भूटानी नेतृत्व के साथ मैं समीक्षा करुंगा, ताकि इसे भूटान के लोगों की बदलती आकांक्षाओं के परिप्रेक्ष्य में और अधिक प्रभावी तथा जवाबदेह बनाया जा सके. मोदी ने कहा, भूटान और भारत के बीच बेहद खास रिश्ता है जो वक्त पर खरा उतरा है.
उन्होंने कहा कि भूटान का शांतिपूर्ण एवं सुगम तरीके से लोकतांत्रिक संवैधानिक राष्ट्र के रुप में बदलाव एक सफल कहानी रहा है. उसके गौरवों की बुद्धिमानी पूर्ण दूरदर्शिता के अनुरुप क्रमिक ढंग से इसका चुनाव आयोजन इसके लोकतंत्र के मजबूत होने का साक्ष्य है. यात्रा के दौरान मोदी भूटान की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे. वह भारत की सहायता वाली परियोजनाओं में से एक भूटान के सुप्रीम कोर्ट की इमारत का भी उद्घाटन करेंगे.
मोदी ने बयान में कहा, भारत सरकार भूटान के सामाजिक-आर्थिक विकास में इसकी विशेषाधिकृत और अग्रणी साझेदार रही है. हम भूटान की उल्लेखनीय आर्थिक वृद्धि और इसकी प्रगति तथा समृद्धि से अभिभूत हैं. हम भूटान को इसके विकास प्रयासों में अपना भरपूर समर्थन जारी रखने को कटिबद्ध हैं.
उन्होंने कहा कि भूटान के साथ पनबिजली सहयोग फायदे वाले सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण तथा समूचे क्षेत्र के लिए एक मॉडल है. यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी 600 मेगावाट की खोलोंगचू पनबिजली परियोजना की आधारशिला रखेंगे.