मोदी के स्वागत को तैयार है भूटान
थिम्पू (भूटान) से ब्रजेश कुमार सिंह संपादक-गुजरात, एबीपी न्यूज
आज दोपहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंच रहे हैं भूटान. बतौर प्रधानमंत्री मोदी की ये पहली विदेश यात्रा है. मोदी की इस यात्रा के मद्देनद्दर भूटान में भी काफी उत्साह है और मोदी के स्वागत का सिलसिला पारो एयरपोर्ट से ही शुरू हो जायेगा, जहां उनका विशेष विमान उतरेगा. दो दिन पहले से ही इसकी तैयारी चल रही है.
नरेंद्र मोदी को यहां औपचारिक स्वागत के तौर पर ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया जायेगा. दरअसल, मोदी के भूटान यात्रा की शुरु आत पारो एयरपोर्ट से ही होने जा रही है. भूटान की राजधानी थिम्पू पहुंचने के लिए यही नजदीकी हवाई अड्डा है. पारो एयरपोर्ट चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा है और यहां विमानों की सफल लैंडिंग कराना पायलटों के लिए बड़ी चुनौती रहती है. पारो में मोदी के स्वागत के लिए भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे अपने मंत्रिमंडल के साथियों के साथ मौजूद होंगे.
गार्ड ऑफ ऑनर के बाद यहां से जब मोदी का काफिला आगे बढ़ेगा, तो पूरे रास्ते उनके स्वागत के लिए होंगे पारंपरिक तोरण द्वार. दरअसल मोदी पारो से थिम्पू की करीब पचपन किलोमीटर की दूरी सड़क मार्ग से ही तय करने वाले हैं. हाल के वर्षों की उनकी लंबी सड़क यात्रा ओं में से एक होगी ये यात्रा. चुनाव प्रचार के दौरान भी ज्यादातर जगहों पर हवाई जहाज या हेलीकॅाप्टर के जरिये ही गये मोदी.
मोदी की इस सड़क यात्रा के मद्देनजर एक तरफ जहां पूरे रास्ते में विशेष स्वागत द्वार खड़े किये जा रहे हैं, वही बड़े-बड़े होर्डिंग और पोस्टर भी लगाये जा रहे हैं. राजधानी थिम्पू के प्रवेश द्वार से लेकर व्यस्त बाजारों तक सैकड़ों की तादाद में मोदी और मेजबान प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे के होर्डिंग लगे हैं, साथ में लगे हैं भारत और भूटान के राष्ट्रीय झंडे भी. भूटान का शासन अब भी महाराजा के नाम पर चलता है, जिसे भूटान की शाही सरकार कहा जाता है. ऐसे में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और रानी जेस्टन पेमा वांगचुक की बड़ी तसवीर वाले होर्डिंग पारो एयरपोर्ट के अंदर भी नजर आ रहे हैं, जिन्हें मोदी की यात्रा के मद्देनजर और चमकाया, सजाया गया है.
मोदी अपनी भूटान यात्रा के दौरान महाराजा और महारानी से मुलाकात तो करेंगे ही, साथ में उनकी बातचीत प्रधानमंत्री टोबगे से भी होगी. इसी 27 मई को भी मोदी और टोबगे के बीच दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मुलाकात हुई थी. ऐसे में महीने भर के अंदर इस शीर्ष स्तरीय द्विपक्षीय बातचीत से दोनों ही देश आपसी संबंध और प्रगाढ़ होने की उम्मीद कर रहे हैं.
वैसे भी मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भूटान का चयन कर ये संकेत तो दे ही दिया है कि वो भूटान से भारत के रिश्तों को कितनी अहमियत दे रहे हैं.
भूटान की सरकार को भी इसका अहसास है, इसलिए मोदी के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही. पारो से लेकर थिम्पू तक के राजमार्ग को न सिर्फ पूरी तरह दुरु स्त किया जा रहा है, बल्किरास्ते में पड़ने वाले किनारे के हर पत्थर को रंगा गया है. सड़कों की लाइनिंग का भी यही हाल है. सुरक्षा को लेकर भी पूरी मुस्तैदी बरती जा रही है. पूरे यात्रा मार्ग पर भूटान सेना और पुलिस के जवान दो दिन पहले से ही तैनात हो चुके हैं. बम निरोधक दस्ता भी पूरे मार्ग की स्कैनिंग में लग गया है.
मोदी के दौरे की चर्चा भूटान की सरकार और प्रशासन के लोगों के बीच तो है ही, आम आदमी भी इस दौरे के महत्व को समझ रहा है. पारो से थिम्पू के बीच टैक्सी चलाने वाले ड्राइवर भी मोदी की चर्चा कर रहे हैं. भूटान के ज्यादातर लोग हिंदी समझते हैं, इतने करीब हैं दोनों देशों के रिश्ते. दोनों देशों की सरकारों के बीच लगातार बढ़ने वाला सहयोग व्यापारिक तौर पर भी साफ दिखता है. ज्यादातर ट्रक टाटा के नजर आते हैं तो कारें मारुति की. यही नहीं, ये गाड़ियां राजधानी थिम्पू में इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंप से ईंधन भी भराते नजर आती हैं. ऐसे में अगर थिम्पू में इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंप का बोर्ड भी मोदी के दौरे के मद्देनजर चमकाया जा रहा हो तो आश्चर्य क्या!
सबकी निगाहें इस और हैं कि सामरिक और वाणिज्यिक स्तर पर दोनों देशों के बीच सहयोग किन नयी योजनाओं और नीतियों के सहारे आगे बढ़ने वाला है. मोदी ने पड़ोसी देशों के साथ संबंध को बेहतर करना अपनी सरकार की प्राथमिकता में रखा है. ऐसे में देखना ये होगा कि अपने सबसे भरोसमंद पड़ोसी को वो क्या तोहफा देते हैं.
हालांकि नरेंद्र मोदी की भूटान यात्रा से ठीक एक दिन पहले मेजबान प्रधानमंत्री की तरफ से दिया गया है बड़ा आश्वासन. भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने भारतीय मीडिया के साथ शनिवार को बातचीत में कहा कि भूटान की धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किसी भी किस्म की आतंकवादी गतिविधि के लिए नहीं होने दिया जायेगा. टोबगे ने ये भरोसा भी जताया कि मोदी की यात्रा से भारत और भूटान के संबंध और मजबूत होंगे. टोबगे ने साफ किया की मोदी की इस यात्रा के दौरान भूटान की तरफ से कोई खास मांग नहीं रखी जायेगी. टोबगे के मुताबिक भूटान की सरकार और यहां के लोग इस बात से काफी ख़ुश हैं कि मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री अपनी विदेश यात्रा की शुरु आत भूटान से करने का फैसला किया.
अपने दौरे के पहले दिन मोदी भूटान के महाराजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से थिम्पू के मुख्य प्रशासनिक भवन ताशीचेजौंग जाकर मुलाकात करेंगे, वहीं बाद में भूटान के प्रधानमंत्री टोबगे के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे. शाम पौने छह बजे के करीब मोदी भूटान की सुप्रीम कोर्ट के नये भवन का उद्घाटन करेंगे, जिसके लिए भारत सरकार की तरफ से करीब सत्तर करोड़ रु पये की आर्थिक सहायता मुहैया करायी गयी है. अपने भूटान दौरे के दूसरे दिन यानी 16 जून को मोदी भूटान की संसद के दोनों सदनों यानी नेशनल एसेंबली और नेशनल काउंसिल ऑफ भूटान के साझा सत्र को भी संबोधित करेंगे.