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सुशांत एस मोहन बीबीसी संवाददाता, दिल्ली "तुम उस आदमी की श़क्ल पर मत जाना. वो आखें देख कर सामने वाले के मन का हाल जान लेता है." मशहूर अभिनेता के.के. आगामी धारावाहिक युद्ध के एक दृश्य में बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन की तारीफ़ कुछ इन्हीं शब्दों में करते नज़र आते हैं. मौक़ा था सुजीत […]

"तुम उस आदमी की श़क्ल पर मत जाना. वो आखें देख कर सामने वाले के मन का हाल जान लेता है." मशहूर अभिनेता के.के. आगामी धारावाहिक युद्ध के एक दृश्य में बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन की तारीफ़ कुछ इन्हीं शब्दों में करते नज़र आते हैं.

मौक़ा था सुजीत सरकार और अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित धारावाहिक ‘युद्ध’ के पोस्टर का अनावरण जहां सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की बीबीसी के साथ हुई एक ख़ास मुलाक़ात.

अमिताभ अपने जाने पहचाने अंदाज़ में नज़र आए. सफ़ेद फ्रेंच कट दाढ़ी, बिना टाई का सूट और उनका गोल फ़्रेम का चश्मा जिसमें से झांकती उनकी आंखे बहुत कुछ बोलती है. वो बेहद सहज थे जैसे उनको गुमां ही नहीं था कि वो अमिताभ बच्चन हैं लेकिन हां उनके इर्द गिर्द मौजूद लोगों की अफ़रा-तफ़री, बांउसरों की फ़ौज और उनकी एक झलक के लिए बांउसरो से लड़ जाने को तैयार उनके फ़ैन ये बिल्कुल महसूस करवा रहे थे कि अमिताभ बच्चन वहां मौजूद हैं.

बीबीसी से बात करने के लिए पहले ये घोषणा कि गई की अमिताभ जा चुके हैं और फिर उन्हें पीछे के रास्ते से एक कमरे में ले जाया गया, जहां वो आते ही अपने चिर-परिचित अंदाज़ में बोले "जी तो, शुरू किया जाए".

‘युद्ध’ करने आ रहे हैं

सोनी चैनल बहुत जल्द ‘युद्ध’ नाम से एक धारावाहिक लेकर आ रहा जो किसी आम फ़हम फ़िल्म से ज़्यादा बजट में बन रहा है और चर्चित भी है.

धारावाहिक के चर्चा में आने का कारण है इस धारावाहिक से जुड़े लोग. निर्देशक हैं ‘विकी डोनर’ बनाने वाले सुजीत सरकार, क्रिएटिव डायेरेक्टर हैं अनुराग कश्यप. फिर इस धारावाहिक में अभिनेता भी किसी फ़िल्म सरीखे हैं जैसे केके, नवाज़ुद्दीन सिद्दिक़ी, सारिका, ति्गमांशु धूलिया और इन सबके साथ मुख्य किरदार निभा रहे हैं अमिताभ बच्चन. ऐसे में इस धारावाहिक की चर्चा होनी लाज़िमी है.

अमिताभ ने बताया कि वो बहुत वक़्त से ऐसा कुछ करना चाहते थे, "कई वर्षों से मैं सोच रहा था कि मैनें छोटे पर्दे पर कभी कोई धारावाहिक नहीं किया है और मुझे अब ये करना चाहिए. मैंने चैनल से बात की तो वो तुरंत तैयार हो गए और जब कहानी की रूपरेखा बन गई तो फिर निर्देशन के लिए मैंने ख़ुद अनुराग से बात की. उन्हें भी ये बात अच्छी लगी क्योंकि वो भी कई सालों से टेलीविज़न में कुछ करना चाहते थे तो वो तैयार हो गए."

‘युद्ध’ की कहानी के बारे में बताते हुए उन्होनें कहा, "ये क़रीब 20 एपिसोड की कहानी है और महीने-डेढ़ महीने में ये कहानी ख़त्म हो जाएगी. एक बिल्डर की कहानी है जो जानलेवा रूप से अस्वस्थ है और अपने काम और उसूलों के बीच की उहापोह में उलझ गया है."

अनिल कपूर के ’24’ से समानता ?

कुछ वक़्त पहले अनिल कपूर भी ऐसा ही एक धारावाहिक ’24’ लेकर छोटे पर्दे पर आए थे. धारावाहिक चर्चित बहुत रहा लेकिन टीआरपी की जंग हार गया था. ऐसे में क्या ‘युद्ध’ की सफलता को लेकर कोई शंका नहीं है.

अमिताभ अनिल कपूर के धारावाहिक के सवाल को तो सिरे से नज़रअदांज़ कर दिया लेकिन शो की सफलता-असफलता पर अपनी राय कुछ यूं ज़ाहिर की, "देखिए शो का क्या होगा ये हमने जनता पर छोड़ दिया है. हमने अपनी ओर से पूरी कोशिश की है और हमें पूरी उम्मीद है कि ये शो सफल रहेगा."

यहां ये बात क़ाबिलेग़ौर थी कि अनिल कपूर के धारावाहिक की चर्चा बार-बार होने के बाद भी उन्होनें ’24’ के बारे में बात करने से मना कर दिया.

जब अमिताभ को ग़ुस्सा आया

‘युद्ध’ से दो निर्देशक एक साथ जुड़े हैं. एक तरफ़ सुजीत सरकार हैं जो इसके निर्देशक हैं और दूसरी तरफ़ अनुराग कश्यप जो इसके क्रिएटिव डायरेक्टर हैं. ऐसे में किसकी बात ज़्यादा मानी गई और किसकी कम ये सवाल पूछा जाना लाज़िमी था लेकिन सवाल सुनते ही अमिताभ थोड़ा ग़ुस्सा हो गए, "आप ऐसा क्यों सोचते हैं ? वो साथ काम ही नहीं करते अगर मतभेद होते. आप ऐसा क्यों पूछ रहें हैं."

तब ये साफ़ करने पर कि ये सवाल मतभेद पर नहीं बल्कि किसी दृश्य को फ़िल्माने के दौरान या कहानी के किसी मोड़ को लेकर पूछा गया था अमिताभ थोड़े सहज हुए,"अनुराग और सुजीत दोनों ही बेहद मंझे हुए निर्देशक हैं. वो जानते हैं कि सही क्या है और ग़लत क्या है. अनुराग ने सिर्फ़ अपने इनपुट्स दिए और फिर वो अपने काम के सिलसिले में श्रीलंका चले गए वहीं सुजीत और रिभुदास गुप्ता ने इस धारावाहिक का काम देखा."

बीबीसी के लिए ख़ास

‘युद्ध’ के पोस्टर के अनावरण के मौक़े पर लगभग तमाम मी़डिया से लोग आए थे लेकिन अमिताभ ने प्रेस कांफ़्रेंस से इतर किसी भी चैनल से बात करने से इंकार कर दिया. लेकिन वो बीबीसी से बात करने के लिए मान गए.

इस मुलाक़ात के दौरान उन्होंने न सिर्फ़ बीबीसी के सभी दर्शकों, श्रोताओं और पढ़ने वालों के नाम अपना स्नेह संदेश छोड़ा बल्कि अपने चाहने वालों और बीबीसी के लिए ख़ास तौर पर अपनी फ़िल्म ‘कभी-कभी’ से मशहूर नज़्म ‘कभी कभी’ गा कर सुनाई.

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