रक्सौलः सीमावर्ती शहर में नकली डीएपी की खेप पकड़ी गयी है. इसमें चार सौ बोरा खाद जब्त की गयी है. इसके बोरों पर कुछ लिखा हुआ नहीं है. मौके पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी पहुंचे और वो कार्रवाई की बात करते रहे, लेकिन इसी दौरान दो आरोपित मौके से फरार हो गये. वहीं, दिन भर कार्रवाई की बात होती रही, लेकिन देर शाम तक इस मामले में किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई थी.
प्रखंड कृषि पदाधिकारी की ओर से कहा जाता रहा, कुछ देर में जिला कृषि पदाधिकारी आयेंगे, लेकिन वे मौके पर नहीं पहुंचे. जब इस संबंध में उनसे बात की गयी, तो उन्होंने कहा, हम बैठक में हैं. हमें मामले की जानकारी है, कार्रवाई करेंगे. जानकारी के मुताबिक, मछली बाजारा इलाके में सुबह सात बाजे गायत्री ट्रेडर्स के गोदाम में ट्रक (यूपी52 एफ8245) से डीएपी गोदाम में रखी जा रही थी. इसी बीच थाना पुलिस मौके पर पहुंची. इसमें दरोगा मनोज कुमार सिंह व बेचू राम शामिल थे. इन लोगों को सूचना मिली थी, डीएपी नकली है. इसी वजह से खाद को जब्त कर लिया गया. सुबह लगभग आठ बजे प्रखंड कृषि पदाधिकारी शमी कपूर वहां पहुंचे. पहले तो उन्होंने कारोबारियों का बचाव करते हुए कहा कि खाद ठीक है. कोई गड़बड़ी नहीं है, लेकिन डीएपी के ब्रांड का नाम व सादा बोरा होने के सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली.
इसके बाद मामले में लीपापोती का सिलसिला शुरू हो गया. बताया जाता है, कन्हैया कुमार के नाम से डीएपी आयी थी. वह प्रखंड कृषि पदाधिकारी से बात कर रहे थे. इसी दौरान जिस ट्रक से खाद उतारी जा रही थी. उससे एक पर्ची मिली, जिस पर चार सौ बोरा डीएपी की बात लिखी थी. उस पर मूल्य एक लाख बीस हजार लिखा था, लेकिन इसके कुछ ही देर बाद गोदाम को बंद कर दिया गया. साथ ही बिल भी गायब कर दिया गया. मौके से कन्हैया कुमार भी चले गये. इससे माना गया, बिल फर्जी हो सकता है.
ये सब चल रहा था, इसी दौरान प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने कहा, अभी जिला कृषि पदाधिकारी आनेवाले हैं. उनका इंतजार होने लगा, लेकिन जिला कृषि पदाधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे. जब शाम चार बजे उनसे बात की गयी, तो उन्होंने कहा, हम जरूरी बैठक में हैं. मुङो मामले की जानकारी है. वहीं, प्रखंड कृषि पदाधिकारी के बोल इस समय तक बदल गये. वे कहने लगे, डीएपी नकली है. मामले में कार्रवाई की जायेगी.
पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष दयानाथ झा ने बताया, प्रखंड कृषि पदाधिकारी का कहना है, मामले में प्राथमिकी होगी. इसीलिए मौके पर दो जवानों की ड्युटी लगा दी गयी. वहीं, इस दौरान ये चर्चा भी होने लगी गायत्री ट्रेडर्स का लाइसेंस भी खत्म हो चुका है. 31 मार्च तक ही लाइसेंस था. अभी नये लाइसेंस को बनवाने का काम चल रहा है.