हैदराबाद : हिमाचल प्रदेश में व्यास नदी में छात्रों के बह जाने की खबर से स्तब्ध और शोक संतप्त उनके अभिभावक यहां बचुपल्ली स्थित निजी इंजीनियरिंग कालेज पहुंच कर अपने परिजन के बारे में जानकारी मांग रहे हैं.
अभिभावकों और रिश्तेदारों ने शिकायत की कि उन्हें कालेज के प्रबंधन से हादसे के बारे में कोई सूचना नहीं मिली. उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि कालेज प्रबंधन ने छात्रों को टूर पर ले जाने से पहले उनकी अनुमति नहीं ली.
यह हादसा कल शाम हुआ जब शहर के एक निजी इंजीनियरिंग कालेज में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्स्ट्रूमेन्टेशन के द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत 48 छात्रों का एक समूह अध्ययन दौरे पर हिमाचल प्रदेश गया था. मंडी से करीब 40 किमी दूर मनाली…..कीरतपुर राजमार्ग पर थलोट के समीप कल शाम व्यास नदी में इंजीनियरिंग के करीब 24 छात्र बह गए.
नदी के किनारे 7 लड़कियों सहित 25 छात्रों का समूह फोटो खींच रहा था और उसी समय लारजी परियोजना के जलाशय से अचानक पानी छोड़ दिया गया जिससे व्यास नदी में पानी बढ़ गया और छात्र बह गए. छात्र दो बसों में थे. एक बस के छात्र फोटो खींचने के लिए नदी के समीप चले गए थे.
इस दौरे में गए एक छात्र रामबाबू के पिता आर नाइक ने कहा उन्हें रात को नदी के समीप क्यों ले जाया गया? क्यों किसी ने हमें सूचना नहीं दी? क्या अभिभावकों को इस बारे में बताया गया था? उन्होंने प्रत्येक छात्र से 15,000 रुपये लिए थे. नलगोंडा जिले में रहने वाले नाइक ने बताया मैंने आखिरी बार 5 जून को अपने बेटे से बात की थी. उसकी परीक्षा 2 जून को खत्म हुई थी और उसने बताया था कि कालेज प्रबंधन उन लोगों को टूर पर ले जा रहा है. क्या यह अध्ययन दौरा था या पिकनिक…. प्रबंधन ने हमें कुछ नहीं बताया.
उन्होंने प्रबंधन पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कल रात टीवी पर त्रासद खबर सुन कर मैं यहां तडके 3 बजे पहुंचा. कालेज प्रबंधन ने हमसे कहा कि वह हमें हिमाचल प्रदेश ले जा रहे हैं लेकिन अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं है.
कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि छात्रों के अभिभावकों को हिमाचल प्रदेश ले जाने के लिए वह हरसंभव कोशिश कर रहा है. एक अधिकारी ने बताया हम उन्हें एक विमान से हिमाचल प्रदेश भेजेंगे….इंतजाम किए जा रहे हैं. कॉलेज के प्राचार्य सहित कुछ अधिकारी हिमाचल प्रदेश के लिए रवाना हो रहे हैं.