कराची : कराची अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लंबे समय तक कब्जे की योजना के साथ किये गये पाकिस्तान तालिबान के एक भयानक हमले में आज सभी 10 आतंकवादियों समेत 30 लोग मारे गए. 13 घंटे तक चली मुठभेड में ये आतंकी सुरक्षकर्मियों का वेष धारण करके आये थे.
प्रतिबंधित तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है जो देश के सबसे बड़े शहर में स्थित जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कल आधी रात के बाद किया गया था. टीटीपी के प्रवक्ता शाहिदुल्लाह शाहिद ने मीडिया को जारी एक बयान में कहा, कराची हवाई अड्डे पर हमने यह हमला किया और यह पाकिस्तान सरकार को एक संदेश है कि हम निर्दोष लोगों को उनके गांवों में बम हमलों का शिकार बनाए जाने का जवाब देने के लिए अभी जिंदा हैं.
उन्होंने कहा कि यह हमला पूर्व टीटीपी प्रमुख हकीमुल्लाह महसूद की एक अमेरिकी ड्रोन हमले में हुई मौत का बदला लेने के लिए किया गया है. हवाई अड्डे पर फिर से नियंत्रण हासिल करने के बाद अर्धसैनिक रेंजर्स के प्रवक्ता एस रिजवी ने संवाददाताओं से कहा, हमला खत्म हो चुका है और हमने क्षेत्र के सभी उग्रवादियांे को खत्म कर दिया है.
इस बीच संयुक्त राष्ट्रमहासचिव बान की. मून ने हमले की निंदा करते हुए पाकिस्तानी सरकार से आतंकवाद और धार्मिक कटट्रवाद पर अंकुश लगाने की अपील की. बान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में शिया मुस्लिमों को निशाना बनाकर किये गये आत्मघाती हमले की भी निंदा की जिसमें 24 जायरीन मारे गये थे. बान के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक बयान में कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव दोनों हमलों की निंदा करते हुए पाकिस्तान में हो रही हिंसा पर चिंता जतायी है.
टीटीपी के प्रवक्ता शाहिदुल्ला शाहिद ने मीडिया को जारी बयान में कहा, हमने कराची हवाईअड्डे पर यह हमला किया है और यह संदेश पाकिस्तान सरकार के लिए है कि गांवों पर बम हमलों में निर्दोष लोगों की हत्याओं पर प्रतिक्रिया करने के लिए हम अभी जिंदा हैं. प्रवक्ता ने कहा कि यह हमला अमेरिकी ड्रोन हमले में तालिबान के पूर्व प्रमुख हकीमुल्ला महसूद की मौत का बदला लेने के लिए भी किया गया.
जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पुराने हवाईअड्डा टर्मिनल के पास है. आतंकवादी हमले के बाद हवाईपट्टी से निकलता धुआं और आग साफ देखी जा सकती थी. इसी जगह पर इंजीनियरिंग कार्यशालाओं में आतंकवादी छिपे थे. पूरे घटनाक्रम के चलते करीब छह घंटे तक जिन्ना हवाईअड्डा बंद रहा और सभी उड़ानों का मार्ग बदलना पडा.
हमले के दौरान विस्फोटों की तेज आवाज भी सुनाई दी. प्रवक्ता ने पुष्टि की कि ना तो किसी विमान को नुकसान पहुंचा और न ही अभियान के दौरान किसी महत्वपूर्ण संपत्ति या प्रतिष्ठान को क्षति पहुंची.
सिंध के स्वास्थ्य मंत्री सगीर अहमद ने बताया मारे जाने वालों में एएसएफ के कर्मी, नागरिक इंजीनियर, सीएए एवं पीआईए के कर्मी और एक पुलिस अधिकारी शामिल हैं. इस दौरान करीब एक दर्जन व्यक्ति घायल भी हुए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इसे कायरतापूर्ण हमला करार दिया. उन्होंने कहा कि यह एक और उदाहरण है जो बताता है कि आतंकवादी किस तरह सरकार के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और स्थानों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, लेकिन मैं आपसे कह सकता हूं कि आतंकवादी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएंगे और उन्हें शिकस्त मिलेगी. इससे पहले मई 2011 में तहरीके तालिबान के करीब 15 आतंकवादियों ने यहां के मेहरान नौसेना अड्डे पर इसी तरह का हमला किया था जिसमें करीब 18 नौसैन्य कर्मी मारे गए थे और विमानों को क्षति भी पहुंची थी. सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में आतंकवादी मारे गए थे.