!!बिक्रम प्रताप सिंह!!
ब्राजील अब तक के सबसे महंगे फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन करने जा रहा है. विभिन्न एजेंसियों के मुताबिक ब्राजील ने इस वर्ल्ड कप के अयोजन पर 12 अरब डॉलर यानी करीब 720 अरब रुपये खर्च किये हैं. फीफा वर्ल्ड कप के इतिहास में अब तक 772 मैचों में 2208 गोल हुए हैं. प्रति मैच 2.86 गोल. अगर इसी दर से ब्राजील में होने वाले वर्ल्ड कप में भी गोल होते हैं तो कुल 64 मैचों में 183 गोल हो सकते हैं. कुल 720 अरब रुपये खर्च के आधार पर प्रति गोल की कीमत निकाली जाये तो यह रकम करीब 400 करोड़ रुपये के आस-पास बैठती है. एक गोल की कीमत 400 करोड़ रुपये.
देशभर में विरोध प्रदर्शन
ब्राजील यूं तो फुटबॉल का दीवाना देश है लेकिन वर्ल्ड कप पर हुए अत्यधिक खर्च के कारण देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ब्राजील विकासशील देश है और उसे यह रकम हेल्थ केयर और शिक्षा पर खर्च करनी चाहिए थी. वहीं, ब्राजील की सरकार यह कहकर आयोजन का बचाव कर रही है कि इससे देश की प्रतिष्ठा में इजाफा होगा. सरकार का यह भी तर्क है कि ब्राजील के टूरिज्म सेक्टर को वर्ल्ड कप से बहुत मदद मिलेगी.
फिर भी हो रही बदनामी
वर्ल्ड कप इतनी विशाल राशि खर्च करने के बावजूद स्टेडियमों और अन्य आधारभूत संरचना के निर्माण में हुई देरी के कारण ब्राजील की दुनियाभर में बदनामी हो रही है. ब्राजील के अधिकांश एयरपोर्ट अब तक तैयार नहीं हुए हैं जबकि आयोजन में सिर्फ पांच दिन का समय बचा है. कुछ स्टेडियमों में दर्शक दीर्घा का तो कुछ में वीआइपी स्टैंड का निर्माण कार्य अभी भी चल ही रहा है.
ब्राजील की ग्राउंड रियालिटी
-ब्राजील भी भारत की तरह एक विकासशील देश है. अभी भी यह नवजात शिशु मृत्यु दर, ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स जैसी सूची में अभी एक पिछड़ा राष्ट्र है.
-ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स में ब्राजील अभी 63वें स्थान पर है.
-ब्राजील की 19 प्रतिशत जनता बेहद गरीब की श्रेणी में आती है.
-प्रति 1000 नवजात में 34 की मृत्यु हो जाती है.
-ब्राजील मे करीब दो करोड़ लोग बेघर हैं. वर्ल्ड कप के आयोजन से ब्राजील में घरों की कीमत में करीब 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
-ब्राजील की करीब 23 प्रतिशत आबादी के पास शौचालय की सुविधा नहीं है.
-करीब 10 प्रति बच्चे कुपोषण का शिकार हैं.
-करीब 10 हजार आबादी पर डॉक्टरों की संख्या 14 है.
खेल में पानी की तरह बहता पैसा
चीन ने 2008 बीजिंग ओलिंपिक पर 44 अरब डॉलर खर्च किये थे. डॉलर के मुकाबले रुपये के हाल-फिलहाल की कीमत के मुताबिक यह रकम करीब 2640 अरब रुपये है. यानी इस फीफा वर्ल्ड कप के मुकाबले बीजिंग ओलिंपिक 3.66 गुना महंगा था.
सोची विंटर ओलिंपिक के आयोजन पर रूस ने 51 अरब डॉलर की राशि खर्च की. डॉलर के मुकाबले रुपये के हाल-फिलहाल की कीमत के मुताबिक यह रकम करीब 3060 अरब रुपये है. सोची विंटर ओलिंपिक 20वें फीफा वर्ल्ड कप की तुलना में 4.25 गुना महंगा था.
एक रिपोर्ट के मुताबिक कतर 2022 फीफा वर्ल्ड कप की मजेबानी पर 100 अरब डॉलर खर्च कर रहा है. यानी 6000 अरब रुपये. अब तक किसी स्पोर्ट्स इवेंट पर इतना पैसा खर्च नहीं किया गया है.