यह बात भयावह है कि दुनिया भर में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं हमारे देश में होती हैं और हर वर्ष उन हादसों में लाखों लोग मर जाते हैं. केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की मौत ने हमें यह एहसास कराया है कि सड़क दुर्घटनाओं को लेकर हमारा रवैया कितना उपेक्षा भरा रहा है.
डेंगू या चिकनगुनिया से कुछ लोगों की मौत हो जाती है, तो हम कितने सक्रिय हो जाते हैं, यह अच्छी बात है, लेकिन लाखों लोगों की मौत के प्रति हम असंवेदनशील बने हुए हैं. हमने सड़क हादसे में एक ऐसे नेता को खो दिया, जिसने मुंबई को अंडरवर्ल्ड के आतंक से मुक्ति दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. ऐसे नेता की जिंदगी देश और समाज के लिए काफी मूल्यवान होती है, लेकिन अफसोस एक ड्राइवर की लापरवाही ने इतना बड़ा नुकसान करा दिया. सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर अब तो सबक ले सरकार!
रानी सिंह, मेदिनीनगर