किशनगंजः किसी अज्ञात व्यक्ति ने झूठी सूचना देकर पुलिस को कहा कि शहर से सटे चकला ग्राम पंचायत स्थित प्रस्तावित अलीगढ़ मुसलिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) की जमीन पर स्थानीय लोगों ने दो शव को दफनाया है. सूचना के बाद हरकत में आयी प्रशासन ने आनन-फानन में दोनों शव को कब्र से बाहर निकालने का फरमान जारी कर दिया. इससे गुरुवार रात्रि चकला गांव में स्थिति तनावपूर्ण हो गयी.
प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए चकला गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया. रात भर चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद उत्तेजित लोगों ने शुक्रवार को प्रखंड कार्यालय का घेराव कर स्थानीय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. सीओ सत्येंद्र कुमार सहाय ने सूझबूझ का परिचय देते हुए आक्रोशित लोगों को शांत कराया. चकला गांव के गणोश लाल शर्मा की पत्नी बरनी देवी व झगड़ू लाल सिंह की पत्नी पुष्पा देवी की मौत गुरुवार को लंबी बीमारी के उपरांत हो गयी. मृतक के निर्धन परिजनों ने दोनों शव को एएमयू कैंपस के समीप श्मशान घाट में दफन कर दिया.
ग्रामीणों के अनुसार खाता नंबर 384 व खेसरा नंबर 125 की इस श्मशान घाट में चकला के ग्रामीण करीबन दो सौ वर्षो से शव को दफन व दाह संस्कार करते आ रहे हैं. माघी पूर्णिमा के दिन मेला का भी आयोजन किया जाता है. गुरुवार को गांव के ही किसी अज्ञात व्यक्ति ने प्रशासन को एएमयू की जमीन पर शव दफन करने की गलत सूचना दे दी. सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस भारी संख्या में चकला गांव पहुंच गयी और मृतक के परिजनों पर शव को उखाड़ अन्यत्र दफन करने का दबाव बनाने लगी. प्रशासन के इस रवैये से ग्रामीण आक्रोशित हो उठे. मौके पर स्थानीय लोगों ने श्मशान घाट की भूमि की नापी करा कर उसकी घेराबंदी करने की भी मांग की, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की संशय की स्थिति उत्पन्न न हो.