नयी दिल्ली : दिल्ली पुलिस को एम्स के चिकित्सकों द्वारा सौंपी गई शव परीक्षण रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की मौत उनकी गर्दन और लीवर में चोट लगने के बाद झटका लगने और रक्सस्राव के चलते हुई.
केंद्रीय मंत्री के पेट और गर्दन में अंदरुनी चोट लगी थी तथा मेरुदंड से जुडे सी 1 और सी 2 (गर्दन के उपरी हिस्से में स्थित जोड) के बीच सरवाइकल वर्टेब्रा टूट कर अलग हो गया था. रिपोर्ट में बताया गया है कि गर्दन की अन्य नलिकाओं के साथ जुडी गर्दन की बडी धमनी और मांसपेशियों तथा नलिकाओं के बाहर मौजूद रक्त भंडार में आघात पहुंचा था.
रिपोर्ट में बताया गया है कि मुंडे के मामले में उनकी गर्दन और लीवर में झटके के बाद चोट लगी और रक्तस्राव हुआ. जांचकर्ताओं ने फोरेंसिक साक्ष्य के तौर पर मुंडे के बाल के नमूने मारुति सुजूकी एसक्स4 कार से एकत्र किए हैं जिसमें वह सफर कर रहे थे.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने कल कहा था कि जिस चीज से उन्हें (मुंडे को) सबसे अधिक नुकसान पहुंचा वह उनकी मेरुदंड की सी1 और सी2 है. जब आपकी सी 1 सी 2 टूट जाती है तो मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति बंद हो जाती है क्योंकि फौरन ही गर्दन की बडी नलिका क्षतिग्रस्त हो जाती है.
सी 1 और सी 2 जोड मेरुदंड में सबसे उपर और खोपडी के ठीक नीचे स्थित होता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उदर गुहा में करीब 500 मिलीलीटर रक्त और थक्के के रुप में जमा हुआ रक्त एकत्र था.
वर्धन ने यह भी कहा था कि मुंडे को सर्वाइकल फ्रैक्चर हुआ था और चोट के बाद मस्तिष्क तथा फेफडों में रक्त की आपूर्ति बंद हो गई होगी. चोट के चलते उनके पेट में डेढ लीटर रक्त जमा हो गया था. वहीं, शरीर पर बाहरी चोटों में नाक और दायीं आंख के नीचे लगी चोटें शामिल हैं.
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री एवं महाराष्ट्र से पिछडे वर्ग के एक लोकप्रिय नेता गोपीनाथ मुंडे (64) कल मुंबई जाने के लिए यहां हवाई अड्डा जा रहे थे तभी पृथ्वीराज रोड…तुगलक रोड पर उनकी कार को एक अन्य कार ने टक्कर मार दी थी.