रांची: राज्य में कोयला चोरी पर रोक नहीं लगी, तो उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को व्यक्तिगत रूप से दोषी माना जायेगा. मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती ने सभी जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिख कर कहा है कि 30 दिनों के अंदर कोयला चोरी बंद हो जानी चाहिए.
संबंधित जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को अक्षम माना जायेगा. मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को कोयला चोरी रोकने के लिए आवश्यक निर्देश भी दिये हैं. कहा है कि राज्य में जिला स्तरीय टास्क फोर्स को सक्रिय करना होगा. इसके माध्यम से कोयला का अवैध कारोबार रोकने के लिए बृहत अभियान चलाना होगा. तीन मई से कोयला के एग्जिट प्वाइंट पर बैरियर लगाये जायें. आवश्यकतानुसार पुलिस फोर्स की तैनाती भी की जाये.
इस बारे में पूछे जाने पर मुख्य सचिव ने स्वीकार किया कि कोयला चोरी के लिए राज्य में नेक्सेस बन गया है. इसमें प्रशासन, पुलिस और कोयला कंपनियों के लोग शामिल हैं. उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर तबादला कर कोयला चोरी पर लगाम लगायी जा सकती है. श्री चक्रवर्ती ने कहा कि साइकिल से कोयला ढोने वालों पर भी रोक लगाना जरूरी है. वहीं कोयला ईंट भट्ठों और दूसरे उद्योगों में इस्तेमाल होता है. सभी जिलों के डीसी और एसपी को इस बारे में आवश्यक निर्देश जारी किया गया है.