दक्षा वैदकर
कुछ लोगों की आदत ही होती है कि वे हर बात पर शक करते हैं और बहुत ज्यादा ही सोचते हैं. कुछ भी फायदा होता है, तो वे सोचते हैं कि कहीं ये फायदा उन्हें गलती से तो नहीं हो गया?
पिछले दिनों एक साथी का प्रोमोशन हो गया. सभी उसे बधाई दे रहे थे और वह खुश होने के बजाय यह सोच रहा था कि यह प्रोमोशन उसे किसी खास मकसद से तो नहीं मिला? क्या सचमुच वह इस प्रोमोशन के काबिल है? कहीं ऐसा तो नहीं कि अब सारी गलतियों की जिम्मेवारी मुझ पर थोप दी जायेगी. मुङो प्रोमोशन इसलिए तो नहीं दिया गया है कि मुझसे ज्यादा काम करवाया जा सके.. और न जाने क्या-क्या.
दोस्तों, दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं. कुछ लोग अपने साथ हो रही अच्छी चीजों को ईश्वर का आशीर्वाद मान कर उसका आनंद उठाते हैं, तो कुछ इसमें भी यही सोचते हैं कि मैं इस खुशी के लायक ही नहीं. खुद को इतना दीन-हीन मान कर बैठे रहनेवाले लोग जीवन के अच्छे दिनों को भी सिर्फ बुरे दिनों का इंतजार करते हुए बिताते रहते हैं.
उन्हें लगता है कि मेरे साथ अभी अच्छा हो रहा है, इसका अर्थ पक्के तौर पर यही है कि कुछ बहुत बुरा घटित होने वाला है. खुद को अपनी ही नजरों में इतना गिरा कर देखेंगे, तो दूसरे भी आपकी कद्र नहीं करेंगे. अपने जीवन में आ रही अच्छी चीजों का आनंद लें, क्योंकि ये आनेवाले समय के लिए अच्छी यादें बन जायेंगी.
ऊपर दिये गये उदाहरण में उस साथी को यह सोचना चाहिए था कि उसको मिला यह प्रोमोशन उसकी अच्छी परफॉर्मेस का ईनाम है. साथ ही उसे और अधिक मेहनत करनी चाहिए, ताकि इससे भी बेहतर खुद को साबित कर सके. उसे यह प्रोमोशन बतौर चैलेंज के रूप में लेना चाहिए. अगर उसके आसपास के साथी यह सोचते हैं कि वह इस प्रोमोशन के काबिल नहीं है, तो यह और ज्यादा जरूरी हो जाता है कि आप खुश रहें, कॉन्फिडेंट रहें और अच्छा काम कर के दिखाएं. ना कि उल्टा सोचें कि मैं इस प्रोमोशन के काबिल नहीं. याद रखें.
बात पते की..
– याद रखें. जब तक आप खुद पर भरोसा नहीं करेंगे, खुद से प्यार नहीं करेंगे, कोई दूसरा व्यक्ति भी आप पर भरोसा नहीं करेगा.
– सकारात्मक सोच विकसित करें. हर बात का गलत मतलब निकालना ठीक नहीं. जीवन में कई चीजें आपके साथ भी बहुत अच्छी हो सकती हैं.