पटना: प्लस टू व हाइस्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में अब एसटीइटी पास अनट्रेंड सामान्य व पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को मौका मिल सकेगा. ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या करीब पांच हजार है. नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीइ) ने इसकी सशर्त अनुमति दे दी है. इससे पहले एनसीटीइ ने एसटीइटी पास अनट्रेंड एससी, एसटी व अतिपिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति प्रकिया में शामिल होने की छूट दी थी.
शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि एनसीटीइ ने अनट्रेंड सामान्य व पिछड़ा कोटि के अभ्यर्थियों को शामिल करने पर हरी झंडी तो दे दी है, लेकिन उसने इसके लिए एक प्रावधान भी जोड़ दिया गया है.
इसके मुताबिक उन्हीं अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्ति में मौका देने की बात की गयी है, जिसका नामांकन बीएड कॉलेज में हो चुका है या फिर विभाग उन्हें बीएड करवा रहा है. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा ने 13 मई को एनसीटीइ को पत्र लिखा था.
पत्र के जरिये शिक्षा विभाग ने मांग की थी कि बिहार में एसटीइटी की परीक्षा में पास होनेवाले अनट्रेंड अभ्यर्थियों की संख्या बहुत है और बिहार में प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं होने के कारण उनकी ट्रेनिंग पूरी नहीं हो सकी है. इसलिए जिस प्रकार एसटीइटी पास अनट्रेंड एससी, एसटी और अतिपिछड़ा को मौका दिया गया, उसी प्रकार सामान्य व पिछड़ा वर्ग के अप्रशिक्षित अभ्यर्थियों को भी मौका दिया जाये. बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के इस मांग को एनसीटीइ ने मान लिया है.