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चीन ने लगाया अमरीका पर इंटरनेट जासूसी का आरोप

चीन ने अमरीका पर उसके प्रमुख नेताओं और प्रमुख संस्थाओं की जासूसी करने का आरोप लगाया है. चीन की सरकारी एजेंसी की तरफ़ से जारी की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अमरीकी जासूसी का मुख्य निशाना है. अमरीका चीन के सरकारी कार्यालयों, व्यवसायों और मोबाइल फ़ोन प्रयोग करने वालों पर विशेष […]

चीन ने अमरीका पर उसके प्रमुख नेताओं और प्रमुख संस्थाओं की जासूसी करने का आरोप लगाया है.

चीन की सरकारी एजेंसी की तरफ़ से जारी की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अमरीकी जासूसी का मुख्य निशाना है.

अमरीका चीन के सरकारी कार्यालयों, व्यवसायों और मोबाइल फ़ोन प्रयोग करने वालों पर विशेष नज़र रखता है.

अमरीका ने चीन पर लगाया हैकिंग का आरोप

रिपोर्ट में अमरीका के इस बर्ताव को ‘बेशर्मी भरा’ और ‘मानव अधिकारों का खुला उल्लंघन’ बताया गया है.

पिछले हफ़्ते अमरीका ने चीन के पाँच अधिकारियों पर साइबर जासूसी का आरोप लगाया था.

चीन के इंटरनेट मीडिया रिसर्च सेंटर ने अमरीकी व्हिसलब्लोवर और नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी के पूर्व ठेकेदार एडवर्ड स्नोडेन के दावों की जाँच की. इस एजेंसी के अनुसार, विभिन्न सरकारी एजेंसियों ने अमरीकी जासूसी की पुष्टि की है.

महाशक्ति होने का लाभ

इस रिपोर्ट का अंश ‘द गॉर्डियन’ अख़बार में प्रकाशित हुआ है. अख़बार में प्रकाशित हिस्से में कहा गया है, "महाशक्ति होने के कारण अमरीका राजनीतिक, आर्थिक, सैन्य और तकनीकी प्रभुत्व का लाभ दूसरे देशों पर निगरानी करने के लिए करता है. अमरीका ऐसा अपने सहयोगी देशों के साथ भी करता है."

साइबर जासूसी से कैसे बचेगा भारत?

इस हिस्से में कहा गया है, "अमरीका का जासूसी अभियान क़ानून-सम्मत चरमपंथ निरोधक कार्रवाई की सीमा से परे जा चुका है. अमरीका का अनैतिक और ख़ुदगर्ज़ चेहरा सामने आ चुका है."

इन रिपोर्ट में कहा गया है कि अमरीका अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों और मानवाधिकारों का हनन कर रहा है.

चीनी अधिकारियों पर आरोप

जब अमरीका ने पाँच चीनी सैन्य अधिकारियों पर इंटरनेट हैकिंग का आरोप लगाया तो चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी.

इन चीनी अधिकारियों पर बड़ी अमरीकी कंपनियों की व्यावसायिक रूप से गुप्त जानकारियां अवैध तरीके से हासिल करने का आरोप है.

हैकरों के निशाने पर सबसे ज़्यादा एंड्रॉयड फ़ोन

चीन ने अमरीका पर पाखंड और दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाया है. चीन ने अपने बयान में कहा था कि वो "कभी भी किसी तरह की साइबर जासूसी की गतिविधि में शामिल नहीं रहा है."

इस रिपोर्ट के सामने आने के कुछ दिन पहले ही अमरीका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि अमरीका के लास वेगस में दुनिया भर के हैकरों के एक सालाना सम्मेलन में शामिल होने के लिए आने वाले चीनी हैकरों के वीज़ा पर रोक लगाई जाए ताकि वो इस सम्मेलन में न शामिल हो सकें.

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