पटना: विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार बने मात्र दो दिन हुए और जदयू का विरोध शुरू हो गया. विदेशों से काला धन वापस लाने के लिए मोदी सरकार ने एसआइटी का गठन किया, लेकिन लालू-नीतीश ने उसका स्वागत करना भी मुनासिब नहीं समझा. नीतीश कुमार और उनकी पार्टी ने जनादेश से सीख नहीं ली. अब वे जाति का मुद्दा उछाल रहे हैं.
विधानसभा चुनाव में भी एनडीए को भारी सफलता मिलेगी. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में जदयू की हार पर पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ सभी मंत्रियों को इस्तीफा देना चाहिए था. चुनाव में जदयू कोटे के सिर्फ दो मंत्री लेसी सिंह व नरेंद्र नारायण यादव ही अपने क्षेत्र से जदयू प्रत्याशी को लीड दिलाने में सफल रहे.
शेष सभी मंत्रियों के क्षेत्र में जदयू प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के विरोध में जदयू ने बिहार में चुनाव लड़ा और शिकस्त खायी. जदयू के 116 विधायकों में से सिर्फ 12 के ही क्षेत्र में जदयू प्रत्याशियों को बढ़त मिली. 22 विधायकों के क्षेत्र में जदयू के प्रत्याशी दूसरे, 79 विधायकों के क्षेत्र में तीसरे और दो विधायकों के क्षेत्र में चौथे स्थान पर रहे. नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि जदयू के नेता सिर्फ सत्ता में बने रहने की मशक्कत कर रहे हैं. संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय, प्रेम रंजन पटेल, विनोद नारायण झा, उषा विद्यार्थी, अफजर शम्सी और सुधीर शर्मा भी मौजूद थे.