नयी दिल्ली: राजनाथ सिंह ने आज केंद्रीय गृह मंत्री के रुप में कार्यभार संभाल लिया.लखनऊ लोकसभा सीट से चुनाव जीते 62 वर्षीय राजनाथ ने इस महत्वपूर्ण मंत्रलय में सुशील कुमार शिन्दे का स्थान लिया है. गृह मंत्रलय देश की आंतरिक सुरक्षा के अलावा पाकिस्तान, चीन, भूटान, नेपाल और बांग्लादेश से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा का जिम्मा संभालता है.
कार्यभार संभालने के बाद राजनाथ ने संसद के निकट देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किये. गृह मंत्रालय में केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी की अगुवाई में वरिष्ठ अधिकारियों ने गुलदस्ता देकर राजनाथ का स्वागत किया.
राजनाथ ने कहा कि सरदार पटेल जी का देश की एकता के लिए योगदान जबर्दस्त था. उन्होंने देश के लिए जो कुछ किया, उसे चुकाया नहीं जा सकता. सरदार पटेल देश के पहले गृह मंत्री थे और मैं कार्यभार संभालने से पहले उनका आशीर्वाद लेकर यहां आया हूं.’’ इस बीच गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजु ने भी आज ही कार्यभार संभाल लिया.
राजनाथ के सामने जो तात्कालिक मुद्दे हैं, उनमें नक्सल हिंसा, देश में आतंकवादी गतिविधियां, पाकिस्तान से घुसपैठ, बांग्लादेश से अवैध आव्रजन से निपटना तथा खुफिया जानकारी एकत्र करने के तंत्र को मजबूत करना शामिल हैं. दो बार भाजपा के अध्यक्ष रहे राजनाथ गृह मंत्री के नाते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति के सदस्य होंगे. सुरक्षा मसलों पर यह देश की निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई है.
सिंह के पास प्रशासनिक कार्य का लंबा अनुभव है. वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. फिर अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार में परिवहन एवं कृषि मंत्री रहे.
वाजपेयी के सपनों की परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यकम को सिंह ने ही शुरु कराया था. वह उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह सरकार में शिक्षा मंत्री भी थे. सिंह कैरियर के शुरुआती दौर में गोरखपुर में भौतिकी पढाते थे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के रुप में अपनी भूमिका में उन्होंने सक्षम प्रशासक का गौरव हासिल किया.
राजनाथ का जन्म 10 जुलाई 1951 को उत्तर प्रदेश में चंदौली जिले के भभौरा गांव में हुआ था. उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से भौतिकी में एमएससी किया है. वह 1971 में मिर्जापुर के केबी पोस्ट डिग्री कालेज में लेक्चरार थे.राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ वह 1964 में जुडे. तब उनकी उम्र केवल 13 साल थी. लेक्चरार रहते हुए भी वह संघ से जुडे रहे.
राजनाथ ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से 1969 में जुडकर की. वह गोरखपुर में इसके सचिव बने. वह 1974 में भारतीय जनसंघ की मिर्जापुर इकाई के सचिव थे. आपातकाल के दौरान वह जयप्रकाश आंदोलन से जुडे. जुलाई 1975 में गिरफ्तार हुए और 1977 में रिहा किए गए.राजनाथ के पदभार संभालने के साथ ही भाजपा के अध्यक्ष पद पर शाह के होने की चर्चा जोर पकड़ती जा रही है.