लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की असेंबली में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ प्रस्ताव को आज रोक दिया गया. ‘‘पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद के आरोपों’’ पर मोदी के खिलाफ प्रस्ताव लाया जाने वाला था. विपक्षी दल में शामिल पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ, पीपीपी, पीएमएल..क्यू और जमात ए इस्लामी, 372 सदस्यीय सदन में ‘‘मोदी विरोधी’’ प्रस्ताव लाना चाहते थे लेकिन असेंबली अध्यक्ष राणा इकबाल ने इसकी अनुमति नहीं दी.
विपक्षी दल के सदस्यों ने भारत विरोधी और सत्तारुढ पीएमएल..एन सरकार के खिलाफ नारे लगाने शुरु कर दिए और आज की कार्यवाही के एजेंडे की प्रतियों को फाड दिया.विपक्ष के नेता महमूदुर रशीद ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि असेंबली के अध्यक्ष परोक्ष रुप से मोदी का समर्थन कर रहे हैं.
इसके बाद विपक्ष के सदस्य बहिर्गमन कर गए और असेंबली की सीढियों पर प्रदर्शन किया. बहिर्गमन से पहले उन्होंने प्रस्ताव सौंपा था. प्रस्ताव को संवाददाताओं के समक्ष पढते हुए रशीद ने कहा, ‘‘प्रस्ताव भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रवैये के खिलाफ है. मोदी ने पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद के निराधार आरोप लगाए. हम आतंकवाद के आरोप बार-बार लगाने की कडी निंदा करते हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि भारत की नई सरकार बलूचिस्तान में आतंकवादियों को धन देना बंद करे, कश्मीर और पाकिस्तान के पानी पर अपने अवैध कब्जे को खत्म करे. पाकिस्तान के लोग दोनों देशों के बीच शांति चाहते हैं.’’ प्रस्ताव में आगे कहा गया है, ‘‘भारत को इलाके के दरोगा के रुप में व्यवहार करना बंद करना चाहिए. इसे शांति के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को कमजोरी नहीं मानना चाहिए और शांति वार्ता शुरु करनी चाहिए.’’
इसमें कहा गया है, ‘‘पाकिस्तान और भारत के बीच शांति में मुख्य बाधा कश्मीर विवाद है जिसे संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 1948 के तहत सुलझाया जाना चाहिए जिस पर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु के हस्ताक्षर हैं.’’ रशीद ने कहा कि पीएमएल..एन सरकार ने दर्शाया है कि वह भारत समर्थक है. उन्होंने कहा कि विपक्ष अपना विरोध जारी रखेगा और अध्यक्ष को सदन सुचारु रुप से नहीं चलाने देगा.