मुंबई : राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की एक घटक शिवसेना ने प्रधानमंत्री बनने जा रहे नरेंद्र मोदी से कहा कि पाकिस्तान के संबंध में माना जा सकता है कि अच्छे दिन आने वाले हैं और कश्मीर तथा पूरे देश में शांति होगी लेकिन पडोसी देश पर विश्वास बनाए रखना मुश्किल है.
यहां जारी बयान में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, अतीत को भुलाने और नयी पहल की शुरुआत करने के लिए केवल भारत ही पहल करता रहा है. हालांकि पाकिस्तान पर विश्वास करना मुश्किल है, लेकिन हम मोदी के नेतृत्व पर विश्वास करते हैं और हम उनके लिए मुश्किल नहीं खड़ी करना चाहते. यदि पाकिस्तान अपना रास्ता नहीं बदलता तो मोदी को परमाणु बटन दबाना ही होगा.
कांग्रेस के आरोप पर प्रतिक्रिया जताते हुए उद्धव ने कहा, ह्यह्ययह कुछ ऐसा है जैसे कि भारत में आतंकवाद के मामलों में पाकिस्तान की संलिप्तता की केवल शिवसेना की चिंता हो और अन्य लोगों की न हो. नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित किए जाने को लेकर शिवसेना की चुप्पी पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए थे.
उन्होंने कहा कि एक मजबूत नेता के नेतृत्व में मजबूत सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद और पड़ोसी देशों से होने वाली घुसपैठ जैसे मुद्दे हमेशा के लिए एक बार में सुलझाए जा सकते हैं. शिवसेना इससे पहले कई बार पाकिस्तानी क्रिकेटरों के भारत में खेलने, पडोसी देश के कलाकारों के यहां कार्यक्रम प्रस्तुतिकरण को लेकर कडा विरोध कर चुकी है.
उद्धव ने कहा भारत में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण शहीदों की भावनाएं हैं. शरीफ के शासनकाल मे ही करगिल युद्ध हुआ था. शहीदों के परिजनों का विलाप हम भूले नहीं हैं. जिस तरह सरबजीत को मारा गया वह अच्छे पडोसी का आचरण नहीं था. कश्मीर घाटी में आतंकवाद खत्म नहीं हुआ है. अब मोदी की सरकार बन रही है तो उम्मीद है कि पाकिस्तान के संदर्भ में अच्छे दिन आएंगे और कश्मीर तथा पूरे देश में शांति होगी.
उन्होंने सवाल किया क्या भारत आ रहे (नवाज) शरीफ मोदी को इस बारे में आश्वासन देंगे. इससे पहले, महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने दिन में कहा था शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का आगमन बडी घटना है. उम्मीद है कि शरीफ की मौजूदगी के बारे में शिवसेना अपना रुख स्पष्ट करेगी लेकिन उसकी चुप्पी बताती है कि पूर्व का उसका पाकिस्तान विरोधी रवैया सिर्फ राजनीतिक सहूलियत के लिए था. सावंत ने कहा था पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को आमंत्रित करना गलत नहीं है. लेकिन यही अगर कांग्रेस ने किया होता तो भाजपा और शिवसेना क्या करते ?