इसमें कोई शक नहीं कि जो समर्थन भाजपा को मिला है, वह बेमिसाल और ऐतिहासिक है. ऐसा भी लगता है कि पिछले तीन दशकों से गंठबंधन सरकार की मजबूरी देखते-देखते जनता निराश और पस्त हो चुकी थी, इसलिए इस बार उसने खंडित जनादेश की जगह पूर्ण बहुमत को चुना. नरेंद्र मोदी ने अपने भाषणों में विकास को मुद्दा बनाया. यह सही कहा गया है कि जो सरकार लहर पर सवार होकर आती है, यदि वह अपनी घोषणाओं पर खरी नहीं उतरती, तो उसी गति से डूब भी जाती है.
दिल्ली में सरकार बनानेवाली ‘आप’ को इसी राज्य में एक भी लोकसभा सीट नहीं मिली, यह घटना इसी बात की पुष्टि करती है. इसमें भी कोई संदेह नहीं कि यह चुनाव भाजपा ने मोदी के दम पर ही जीता है और यह चुनाव अपनी तमाम खूबियों के बावजूद नेताओं की बदजुबानी के लिए भी याद किया जायेगा.
कौशल कुमार, डाल्टनगंज