नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी को आज जोरदार झटका लगा जब उसके दो अहम सदस्य शाजिया इल्मी और जीआर गोपीनाथ ने पार्टी नेतृत्व में मतभेदों का हवाला देते हुए पार्टी छोड दी और अरविंद केजरीवाल की ‘‘जेल राजनीति’’ की निंदा की.
लोकसभा चुनाव में करारी हार झेलने वाली पार्टी की संस्थापक सदस्य शाजिया ने पार्टी के सभी पदों से अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए दावा किया कि पार्टी में ‘‘आंतरिक लोकतंत्र’’ का अभाव है और प्रमुख अरविंद केजरीवाल को एक ‘छद्म गुट’ घेरे हुए है.
जनवरी में आप में शामिल और भारत में किफायती विमान सेवा शुरु करने में अहम भूमिका निभाने वाले गोपीनाथ ने केजरीवाल की कार्यप्रणाली पर निशाना साधा और भाजपा नेता नितिन गडकरी द्वारा केजरीवाल के खिलाफ दायर मानहानि मामले में उनके द्वारा जमानती मुचलका भरने से इंकार करने पर असहमति जताई.
दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाजिया ने कहा, ‘‘बहुत सोच-विचार और मंथन के बाद मैंने आप की सदस्यता त्यागने एवं पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने का फैसला किया.’’ शाजिया ने स्पष्ट किया कि वह किसी दूसरी पार्टी में शामिल नहीं हो रही हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है, जबकि वह लगातार स्वराज की बात करती है. मैंने पार्टी छोडने का फैसला इसी कारण लिया.’’ आप के कुछ नेताओं पर निशाना साधते हुए शाजिया ने कहा, ‘‘हम छद्म चीजों के खिलाफ लडे, लेकिन हमारे यहां खुद एक छद्म गुट है जो पार्टी को चला रहा है और फटाफट फैसले कर रहा है जिसके बारे में हमें बाद में पता चलता है. मुङो बडी हैरानी होती है कि हम अपनी पार्टी के भीतर स्वराज के सिद्धांतों का पालन नहीं कर सकते.’’
आप के कर्नाटक के संयोजक पृथ्वी रेड्डी को भेजे संदेश में उन्होंने कहा, ‘‘मैं पार्टी नेतृत्व के साथ बढते मतभेदों तथा इसके रास्ते से भटकने के कारण तत्काल प्रभाव से आम आदमी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देना चाहूंगा.’’ इस साल जनवरी में आप में शामिल हुए गोपीनाथ ने कहा कि उन्होंने मीडिया में भी अपने ज्यादातर नजरिये रखे हैं और उन्होंने पार्टी को भविष्य के कार्यों के लिए अच्छा करने की शुभकामनाएं दीं. संपर्क किये जाने पर गोपीनाथ ने फ्रांस के तुलूस से फोन पर इस गतिविधि की पुष्टि की. तुलूस में ही विमानन कंपनी एयरबस का मुख्यालय है.
गोपीनाथ ने कहा कि वह अन्ना हजारे और केजरीवाल के बडे प्रशंसक हैं और आगे भी बने रहेंगे.हालांकि उन्होंने जमानती बांड भरने से इंकार करने के केजरीवाल के फैसले को गलती बताया.गोपीनाथ ने कहा कि इसकी तुलना हजारे द्वारा उठाए गए कदम से नहीं की जा सकती. हजारे ने अगस्त 2011 में जनलोकपाल विधेयक के समर्थन में प्रदर्शन के दौरान उनकी गिरफ्तारी पर निजी मुचलके पर हस्ताक्षर से इंकार कर दिया था, जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया था.
गोपीनाथ ने वर्ष 2003 में किफायती विमानन कंपनी ‘एयर डेक्कन’ की स्थापना की थी जिसका विजय माल्या ने अधिग्रहण कर लिया था और इसका नाम ‘किंगफिशर रेड’ रखा था जो अब बंद हो चुकी है. गोपीनाथ ने आज ‘हैज केजरीवाल लॉस्ट हिज वे’ :क्या केजरीवाल अपने रास्ते से भटक गये हैं: शीर्षक से ब्लाग में आप प्रमुख के क्रियाकलापों की आलोचना की.
ब्लॉग में कहा गया कि केजरीवाल ने नियम तोडते हुए खुलकर बातें रखी. उन्होंने अहम मुददे छुए. जो अफवाहें कानाफूसी में थी, वह उसके लिए जनता के सामने खडे हुए जिससे वह लोगों और मीडिया के चहेते बन गये.. केजरीवाल यहीं नहीं रुके. उन्होंने देश के अन्य जाने माने लोगों के खिलाफ भी आरोप लगाए.