रांची: राज्य के शहरों दूध की भारी कमी है. राज्य की महत्वपूर्ण डेयरी सुधा की आपूर्ति कम होने से ऐसा हुआ है. रांची शहर के लिए सुधा हर रोज लगभग एक लाख लीटर दूध की आपूर्ति करती है. वहीं गत सप्ताह से प्रतिदिन सिर्फ 40 हजार लीटर दूध ही वितरित हो रहा है.
इससे अधिकांश उपभोक्ताओं को दूध नहीं मिल रहा है. खुदरा दूध विक्रेताओं पर इसका दबाव बढ़ गया है. पशुपालन विभाग के डेयरी विंग के अधिकारियों के अनुसार शादी-ब्याह के इस मौसम में बिहार में दूध की मांग में अचानक तेजी आ गयी है. इससे बिहार स्टेट मिल्क कोऑपरेटिव फेडरेशन लि. (कंफेड) ने झारखंड स्थित अपनी डेयरियों (रांची, जमशेदपुर व बोकारो) को करीब 60 फीसदी आपूर्ति कम कर दी है. इन्हीं तीन डेयरियों से राज्य के शेष जिलों को भी दुग्ध की आपूर्ति होती है. अभी दूध की कमी के मद्देनजर मुख्य शहरों में ही आपूर्ति हो रही है. यह स्थिति पूरे जून माह तक रहने की आशंका है.
जरूरत तीन लाख लीटर
डेयरी सूत्रों के मुताबिक रांची शहर को हर रोज करीब 2.5 लाख लीटर दूध की आवश्यकता होती है. यह जरूरत सुधा के अलावा संगठित क्षेत्र की अन्य छोटी डेयरियों मेधा, श्याम व अन्य से पूरी होती है. शहर के विभिन्न खटाल भी दूध के बड़े आपूर्तिकर्ता हैं. यहां से हर रोज करीब 50 हजार लीटर दूध शहर को मिलता है. पर इसका बड़ा हिस्सा मिठाई की दुकानों में चला जाता है. वहीं एक-दो गाय-भैंसवाले पशुपालक भी दूध आपूर्ति के छोटे स्रोत हैं.
संपर्क नहीं : इधर सुधा डेयरी के अधिकारियों से संपर्क करना मुश्किल हो गया है. रांची डेयरी के दो लैंड लाइन व एक मोबाइल पर बार-बार संपर्क करने पर भी किसी ने रिसीव नहीं किया. जन हित में कोई सूचना देने से भी डेयरी परहेज कर रहा है.
बिहार में बढ़ी मांग का असर झारखंड पर पड़ रहा है. डेयरी विभाग बिहार की एक निजी कंपनी से संपर्क में है. मुंगेर में इस कंपनी का एक चिलिंग प्लांट है. दूध उपलब्ध रहा, तो कम से कम 15 हजार लीटर का एक टैंकर रांची मंगाने की बात हो रही है.
मुकुल प्रसाद सिंह, सहायक निदेशक, गव्य