बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने जनता दल (यूनाइटेड) को कल होने वाले विश्वास मत के लिए बिना शर्त समर्थन देने का फ़ैसला लिया है.
आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने समर्थन के सवाल पर टीवी चैनलों से कहा, "हम सांप्रदायिक शक्तियों के ख़िलाफ़ लड़ना चाहते हैं और उन्हें बिहार से बाहर रखना चाहते हैं इसलिए जद (यू) को समर्थन की पेशकश की है."
बीबीसी से विशेष बातचीत में आरजेडी के प्रवक्ता मनोज झा ने कहा, "16 मई के बाद देश की जो हकीकत सामने आई है उसके मद्देनज़र यह फ़ैसला किया गया है, देश के कई इलाकों में चुनाव के दौरान जो सांप्रदायिक धुव्रीकरण हुआ है उसकी वज़ह से हमने आगे बढ़कर ये फ़ैसला किया है."
उन्होंने बताया कि यह एक ऐसा वक़्त है जब फिरकापरस्त ताकतों को रोकने के लिए धर्मनिरपेक्ष ताकतों को छोटे-मोटे मतभेदों को भुलाकर एकजुट हो जाना चाहिए.
यह पूछे जाने पर कि क्या ये पार्टी का फ़ैसला है या सिर्फ लालू यादव का, इस पर प्रवक्ता ने कहा कि यह ये पूरी पार्टी का फ़ैसला है.
गठबंधन की संभावना
जद(यू) में बिखराव की संभावना पर उन्होंने इसके बारे में कुछ भी पता होने से इनकार किया. बिहार के भाजपा नेता सुशील मोदी दावा कर रहे हैं कि जद (यू) के विधायक बड़ी संख्या में भाजपा में आ सकते हैं.
हालांकि विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने की संभावना पर मनोज झा ने टिप्पणी नहीं की, उन्होंने इतना ही कहा कि "यह कहना अभी जल्दबाजी होगी".
इससे पहले नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव में मिली हार की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए शनिवार को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था, जिसके बाद 68 वर्षीय जीतन राम मांझी ने मंगलवार को बिहार के 23वें मुख्यमंत्री के रूप में पद की शपथ ली.
मौजूदा विधानसभा में जदयू के 117, भाजपा के 90, राजद के 21 और कांग्रेस के चार विधायक हैं.
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