नयी दिल्ली: देश के 15वें प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के आगामी सोमवार को होने वाले शपथग्रहण समारोह के लिए राष्ट्रपति भवन के विशाल प्रांगण को तैयार किया जा रहा है जिसमें दक्षेस देशों के प्रमुखांे और अन्य विदेशी मेहमानों सहित तीन हजार से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.राष्ट्रपति भवन सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की सचिव अमिता पॉल की अध्यक्षता में विभिन्न मंत्रलयों, दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के आला अधिकारियों की बैठक हुई है जिसमें समारोह की व्यवस्था का जायजा लिया गया.
ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रधानमंत्री के शपथ-ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए दक्षेस देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया गया है. श्रीलंका, अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान और मालदीव के राष्ट्राध्यक्षों के आने की सूचना की पुष्टि विदेश मंत्रलय को कर दी गई है. बांग्लादेश की नुमाइंदगी वहां के स्पीकर शिरीन चौधरी करेंगे क्योंकि प्रधानमंत्री शेख हसीना सोमवार को जापान की यात्र पर जाने वाली हैं.आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सभी वीवीआईपी मेहमानों के लिए राष्ट्रपति भवन में इंतजाम किए गए हैं. वीवीआईपी मेहमानों के साथ आने वाली राजनयिकों की टीम के लिए भी व्यवस्था की गई है.
सभी राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को भी बुलाने का प्रस्ताव था पर इस बाबत निर्णय भाजपा नेतृत्व को करना है. अटल बिहारी वाजपेयी के नक्शे कदम पर चलते हुए मोदी ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शपथग्रहण करने की इच्छा जतायी है ताकि इस कार्यक्रम में बडी संख्या में लोगों को जगह मिल सके. इससे पहले वहां पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर भी शपथग्रहण कर चुके हैं.भाजपा ने लोकसभा चुनाव में जबर्दस्त जीत हासिल करके 272 के जादुई आंकडे से भी अधिक सीटें जीती. पार्टी के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब उसने अपने बल पर बहुमत हासिल किया है.
राष्ट्रपति 26 मई को शाम छह बजे मोदी को शपथ दिलाएंगे. भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह पहले ही कह चुके हैं कि शपथग्रहण समारोह के लिए करीब तीन हजार गणमान्य लोगों को निमंत्रण भेजे जाएंगे. राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक ‘दरबार हॉल’ में करीब 500 लोग ही आ सकते हैं.