धनबाद: उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग रांची ने धनबाद रेल मंडल पर जुर्माना किया है. धनबाद के यात्री अधिवक्ता आरपी चौधरी ने रेलवे के खिलाफ वर्ष 2011 में जिला उपभोक्ता फोरम में मामला दर्ज कराया था.
चौधरी के पक्ष में फैसला आया. फैसले के खिलाफ रेलवे ने रांची उपभोक्ता विवाद निवारण में अपील की. वहां धनबाद उपभोक्ता फोरम के फैसले को बहाल रखते हुए रेलवे पर अतिरिक्त जुर्माना कर दिया गया. रांची ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिख पूरी जानकारी दी और इस तरह के मामले पर स्वयं संज्ञान लेने को कहा है.
क्या है मामला
हाउसिंग कॉलोनी निवासी आरपी चौधरी का मौर्या एक्सप्रेस ट्रेन का वेटिंग टिकट 15/2/2011 को समस्तीपुर से धनबाद का था. वह वेटिंग आरक्षण टिकट लेकर साधारण बोगी में बैठ कर धनबाद आ गये. आरक्षण काउंटर पर जाकर टिकट वापस करने गये. काउंटर पर बैठे रेलकर्मी ने बताया कि टिकट वापस नहीं होगा. श्री चौधरी ने कहा कि नियमानुसार साधारण टिकट का चार्ज काट कर बाकी का रुपया यात्री को मिलता है. मेरा वेटिंग नंबर 63 था और मुङो आरक्षण बोगी में सीट नहीं मिली. इस कारण मैं साधारण बोगी में बैठ कर धनबाद तक आया हूं. लेकिन रेलकर्मी ने रकम वापस नहीं की. धनबाद उपभोक्ता फोरम ने 114/2011 को चौधरी के पक्ष में फैसला देते हुए रकम वापस करने को कहा. साथ ही रेलवे पर जुर्माना भी किया. छह रुपया प्रताड़ित करने, 225 रुपया मुकदमा चार्ज व 77 रुपया रिजर्वेशन चार्ज वापस करने को कहा. रेलवे झारखंड उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग रांची में इस मामले को ले गयी. आयोग ने दोबारा चौधरी के पक्ष में फैसला सुनाया और पहले का जुर्माना जस का तस रखते हुए अतिरिक्त एक हजार रुपया रेलवे को जुर्माना किया.
इस आधार पर हुआ फैसला
वर्ष 2011 के रेलवे के नियम के अनुसार उपभोक्ता फोरम ने बताया कि रेलवे का नियम है कि यदि वेटिंग आरक्षण टिकट होता है तो यात्री उसी स्थान पर टिकट वापस कर रुपया ले सकते है.
वेटिंग टिकट कंफर्म नहीं होता है तो वह उसी टिकट पर साधारण बोगी में सफर कर गंतव्य तक जा सकते हैं.
गतंव्य स्थान पर पहुंच कर काउंटर पर टिकट वापस करें, जिसमें साधारण टिकट का मूल्य रेलवे द्वारा काट कर अतिरिक्त रुपया वापस किया जायेगा.