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अहलुवालिया ने जीटीए के अस्तित्व पर उठाया सवाल, कहा पहाड़ की समस्या पर होगा विचार

सिलीगुड़ी: दाजिर्लिंग संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव जीतने वाले भाजपा उम्मीदवार एस.एस. अहलुवालिया ने एक बार फिर से गोरखालैंड की समस्या पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और उचित समाधान निकालने का आश्वासन दिया है. चुनाव जीतने के बाद सिलीगुड़ी में पहली बार संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री अहलुवालिया ने अलग गोरखालैंड राज्य के निर्माण […]

सिलीगुड़ी: दाजिर्लिंग संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव जीतने वाले भाजपा उम्मीदवार एस.एस. अहलुवालिया ने एक बार फिर से गोरखालैंड की समस्या पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और उचित समाधान निकालने का आश्वासन दिया है.

चुनाव जीतने के बाद सिलीगुड़ी में पहली बार संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री अहलुवालिया ने अलग गोरखालैंड राज्य के निर्माण की मांग का स्पष्ट रूप से समर्थन नहीं किया, लेकिन उन्होंने कहा कि दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र की जो भी समस्या है, उस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जायेगा. उन्होने कहा कि वर्ष 2009 में भी इस मुद्दे पर पार्टी की यही नीति थी और अभी भी पार्टी इसी नीति पर कायम है. श्री अहलुवालिया ने अलग गोरखालैंड का नाम लिये बगैर आगे कहा कि दाजिर्लिंग संसदीय क्षेत्र में सिर्फ यही एक समस्या नहीं है, यहां अनेकों समस्याएं हैं जिसके समाधान की आवश्यकता है. एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) के अस्तित्व पर सवाल उठाते हुए पूरे पहाड़ पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की वकालत की. उन्होंने कहा कि दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र में पहले से ही दाजिर्लिंग गोरखा हिल काउंसिल अस्तित्व में था उसके बावजूद अलग से जीटीए का गठन किस औचित्य से किया गया, यह अभी स्पष्ट नहीं है. पर्वतीय क्षेत्र में वर्षो से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं होने के कारण वहां के लोग विभिन्न सुविधाओं से वंचित हैं. उन्होंने दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र में शीघ्र से शीघ्र पंचायत चुनाव कराने की वकालत की.

श्री अहलुवानिया ने आगे कहा कि दाजिर्लिंग संसदीय क्षेत्र के तहत समतल क्षेत्र में भी कई समस्याएं हैं जिसके समाधान की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कामतापुर जाति के लोगों के सामने भाषा तथा संस्कृति को मान्यता दिलाने की भी समस्या है. इस समस्या के भी समाधान की जरूरत है. श्री अहलुवालिया ने सिलीगुड़ी को पूवरेत्तर का प्रवेशद्वार बताते हुए इस इलाके को भी वही सारी सुविधाएं देने की वकालत की जो पूवरेत्तर राज्यों को हासिल है. इस मुद्दे पर उन्होंने केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बन रही नयी सरकार से बातचीत करने का आश्वासन दिया.

मोदी सरकार में मंत्री बनाये जाने के सवाल पर श्री अहलुवालिया ने कहा कि किसी को मंत्री बनाना या नहीं बनाना प्रधानमंत्री के विवेकाधिकार पर निर्भर है. इस संबंध में संविधान के आर्टिकल 74 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि प्रधानमंत्री अपने कैबिनेट का गठन अपने विवेकाधिकार से करेंगे. उन्हें मंत्री बनाने या नहीं बनाने का फैसला नरेन्द्र मोदी को करना है. उन्होंने दाजिर्लिंग संसदीय क्षेत्र से शानदार जीत के लिए जनता का आभार भी प्रकट किया. संवाददाता सम्मेलन में उनके साथ कामतापुर पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष अतुल राय, जिला भाजपा अध्यक्ष रथीन्द्र नाथ बोस तथा महासचिव नंदन दास आदि उपस्थित थे.

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