पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने शिक्षा विभाग की ओर से सभी विश्वविद्यालयों में सहायक प्राचार्यो की नियुक्ति के लिए भेजी गयी रिक्तियों की सूची को लौटा दिया है.
बीपीएससी ने विभाग को नया फॉरमेट दिया है और उसे भर कर जमा करने को कहा है. 27 बिंदुओं के इस फॉरमेट को शिक्षा विभाग ने सभी विवि को भेज दिया है और 16 मई तक जमा करने निर्देश दिया है. पांच मई को शिक्षा विभाग ने रिक्तियों की सूची बीपीएससी को सौंप दी थी, लेकिन बीपीएससी ने दो दिन बाद ही इसे लौटा दिया था.
बीपीएससी ने नियुक्ति के लिए हिंदी और अंगरेजी में विषय वार अलग-अलग शैक्षणिक योग्यताएं समेत विवि में फिलहाल कितने पद हैं और कितने की आवश्यकता है, इसकी सूचना मांगी है. साथ ही ये पद स्थायी रहेंगे या अस्थायी? क्या नियुक्ति सूचना देकर समाप्त किया जा सकता है? यदि हां, तो किस आधार पर? चुने गये अभ्यर्थी को पद कब तक ग्रहण करना है? वेतनमान और विशेष वेतन की भी जानकारी भी देनी होगी.
इसके अलावा क्या ये सहायक प्राचार्य उच्च पद के वेतनमान पर जा सकेंगे या नहीं? पेंशन या प्रोविडेंट फंड इनका कटेगा या नहीं? इन्हें मकान, लाइट, पानी की मुफ्त में सुविधा दी जायेगी या नहीं? विश्वविद्यालयों को इसकी जानकारी भी देनी होगी. इसके अलावा जीवनयापन भत्ता, नियुक्ति के अनुसार यात्र भत्ता दिया जायेगा या नहीं, डोमिसाइल आवश्यक है या नहीं, सरकारी कर्मचारी चुनने योग्य हैं या नहीं? साथ ही बीपीएससी ने इंटरव्यू में विभागीय प्रतिनिधि या विशेषज्ञ कौन रहेंगे, उनका नाम और पूरा पता भी मांगा है. इसके अलावा यदि अभ्यर्थी की नियुक्ति हो जाती है, जो कि देवनागरी लिपि में हिंदी नहीं जानता है, उसे नियुक्ति के छह महीने के अंदर काम करने पर हिंदी सीख लेना आवश्यक होगा व ऐसा नहीं होने पर उनकी नियुक्ति खत्म हो जायेगी, इस पर बीपीएससी ने मत मांगा है.