मेरठ:उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में कल हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद स्थिति शांत है लेकिन तनाव बरकरार है. एसएसपी ओंकार सिंह ने बताया कि मेरठ में चल रहा उत्तर भारत का ऐतिहासिक नौचंदी मेला कल की घटना के मद्देनजर समाप्त कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि मेला शहर के मध्य में रात को लगता है और बडी संख्या में लोग आते हैं. लेकिन कल की घटना को देखते हुए पुलिस और प्रशासन कोई खतरा नहीं लेना चाहता इसलिए 12 मई को खत्म होने वाले मेले का समापन दो दिन पहले ही कर दिया गया है.
इसके अलावा पुलिस और प्रशासन ने हिंसा में सात लोगों के घायल होने की पुष्टि की है. एसएसपी ने बताया कि कल हिंसा के दौरान गोलीबारी और पथराव में सात लोग घायल हुए हैं जिनमें से एक युवक की हालत गंभीर है. उन्होंने बताया कि शहर में ऐहतियात के तौर पर आरएएफ की आठ कंपनियों के अलावा पीएसी की छह कंपनियां भी तैनात की गई हैं. उन्होंने कहा कि शहर में हालात सामान्य हो रहे हैं और कल की हिंसा के संबंध में अभी तक करीब 200 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
सिंह ने बताया कि शेष लोगों की शिनाख्त घटना के वीडियो फुटेज देखकर की जाएगी. एसएसपी ने अफवाह फैलाने वालों पर भी सख्त कार्रवाई करने की बात कही और बताया कि सादे कपडों में भी पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं. दूसरी ओर मेले में आए व्यापारियों में कल की घटना और मेला समापन के प्रशासन के आदेश के बाद अपनी दुकानें समेटना शुरु कर दिया है. व्यापारियों का कहना है कि पहले तो लोकसभा चुनावों के कारण मेला बाधित रहा. अब जाकर मेले में भीड शुरु हुई तो दंगा हो गया. होली के बाद दूसरे रविवार से शुरु होने वाला नौचंदी मेला इस बार 11 अप्रैल से शुरु हुआ था. इसका समापन 12 मई को होना था.
गौरतलब है कि कल दोपहर मेरठ शहर के थाना कोतवाली क्षेत्र के तीरगरान इलाके में उस समय हिंसा शुरु हो गई थी जब तीरगरान स्थित रंगरेजान मस्जिद के पास एक संप्रदाय विशेष के लोग प्याऊ का निर्माण करा रहे थे. समीप ही जैन मंदिर है. पुलिस के अनुसार, एक पक्ष का आरोप था कि प्याऊ की आड में जमीन पर कब्जा किया जा रहा है. जबकि दूसरे पक्ष के लोगों का कहना था कि वे मस्जिद की जमीन पर प्याऊ का निर्माण कर रहे थे. पुलिस और प्रशासन के स्थानीय अधिकारियों ने सात लोगों के घायल होने की पुष्टि की है. हिंसा में दो बाइक और दो दुकानों को आग भी लगा दी गई थी.