मारीपोल (यूक्रेन):काला सागर स्थित प्रायद्वीप के रूस में शामिल होने के बाद यहां पहली बार आये राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने शुक्रवार को भारी भीड़ के सामने क्रीमिया की रूस में वापसी का स्वागत करते हुए उसे ‘ऐतिहासिक न्याय’ बताया. हालांकि, पुतिन के इस उत्साही दौरे की यूक्रेन और नाटो ने तुरंत आलोचना करते हुए कहा कि यह यूक्रेन की संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून को कुचलने जैसा है. शुक्रवार को रूस में ‘विक्टरी डे’ पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था. रूस का ‘विक्टरी डे’ दूसरे विश्वयुद्ध में नाजी ताकतों पर जीत का दिन है. सोवियत सरकार ने बर्लिन में हस्ताक्षर समारोह के बाद नौ मई को जीत की घोषणा की थी. पूरब में यूक्रेन सरकार की सेना और रूस समर्थित विद्राहियों के बीच शुक्रवार को हुई हिंसक संघर्ष में तीन लोगों की मौत हो गयी और मारीपोल शहर के मुख्य पुलिस थाने को आग लगा दिया गया.
पूर्व में रूस समर्थक उग्रवादी कीव की सरकार के विरुद्ध लड़ रहे हैं और रविवार को क्षेत्र में जनमतसंग्रह कराने की तैयारी कर रहे हैं. पुतिन ने क्रीमिया की रूस में वापसी की प्रशंसा करते हुए उसे ‘मातृदेश में वापसी’ और ‘ऐतिहासिक न्याय और हमारे पूर्वजों की यादों’ के प्रति श्रद्धांजलि बताया. करीब 20 लाख आबादी वाला यह प्रायद्वीप 1954 से इस वर्ष मार्च तक यूक्रेन का हिस्सा था. नौका पर सवार पुतिन ने सेवास्तोपोल खाड़ी में लंगर डाले रूसी काला सागर बेड़े के जहाजों को पार किया और 70 सैन्य विमानों की उडाने देखने से पहले बेडे के चालक दल के सदस्यों को बधाई भी दी. स्थानीय लोग यह नजारा देखने के लिए सडकों पर उमड़ आये थे.