मुजफ्फरपुर: धन्यवाद! मुजफ्फरपुर. आपने वो कर दिखाया, जिसकी आशा हम लोगों ने महीनों से पाल रखी थी. इससे प्रभात खबर के उस अभियान को भी बल मिला है, जिसे हमने वोटिंग का प्रतिशत बढ़ाने के लिए लगभग ढाई महीने से चला रखा था, तब चुनावों की घोषणा भी नहीं हुई थी, लेकिन तैयारियां जोरों पर थी.
उसी समय प्रभात खबर की ओर से मतदान का प्रतिशत बढ़ाने का अभियान शुरू किया गया, जो छह मई तक चला. इसका परिणाम सात मई की शाम को आया, जब वोटिंग का प्रतिशत पिछले चुनाव की तुलना में सोलह फीसदी बढ़ गया. अगर छात्रों की भाषा में कहें, तो चुनाव की परीक्षा में लोक यानी हम लोग प्रथम श्रेणी में पास हुये. मतदान का प्रतिशत 62 रहा, जबकि 2009 के चुनाव में ये 46 फीसदी के आसपास था. एक बड़ा उछाल! हमें, यहीं संतोष नहीं होना है. मंजिलें और भी हैं. प्रतिशत और भी आगे बढ़ सकता है. बस कोशिश होनी चाहिए.
प्रभात खबर की ओर से शहर से लेकर गांव तक में अभियान चलाया गया. विभिन्न प्रखंडों में प्रभात चौपाल लगायी गयी, जिसमें उमड़नेवाली भीड़ से ये साफ लगता था. इस बार मतदान के प्रतिशत में वृद्धि जरूर होगी. चौपाल में भाग लेनेवाले सभी लोगों की एक मत से यही राय होती थी, हमें वोट जरूर डालना चाहिए, चौपाल के दौरान कई संगठनों व उसके प्रतिनिधियों ने मतदान के लिए लोगों को प्रेरित करने की शपथ ली. इसका बड़ा प्रभाव मीनापुर में देखने को मिला, जहां प्रभात खबर के बैनर तले मतदाता जागरूकता जुलूस निकाला गया. उसमें सैकड़ों लोगों ने भाग लिया. जुलूस में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई थीं, जिनका साफ कहना था, लोकतंत्र को मजबूत करने में वह पीछे नहीं रहेंगी. वोटिंग के दिन भी ये देखने को मिला.
चाहे युवा हों या आधी आबादी या फिर सीनियर सिटीजन्स (हमारे बुजुर्ग), साहित्यकार, वकील या डॉक्टर हम लोगों ने सभी वर्ग के लोगों को इस अभियान का भागीदार बनाया. प्रशासन की ओर से इसमें खुलकर सहयोग व सराहना मिली. एक अप्रैल को कवि सम्मेलन के दौरान जब शहर के हजारों लोग एमएसकेबी ग्राउंड में मौजूद थे, तब भी मंच से कवियों की ओर से वोटिंग की अपील की गयी. उस समय जिले के डीएम अनुपम कुमार भी इसके गवाह बने थे.
प्रभात खबर की ओर से शहर में मतदाता जागरूकता जुलूस निकाला गया, जिसमें दो दर्जन से ज्यादा संगठनों के लोगों ने भाग लिया. इसके अलावा विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. ये संख्या हजार से ज्यादा की रही होगी. नामी डॉक्टरों व वकीलों के साथ, जिले में स्वयं सेवी संस्थाएं चलानेवाले विभिन्न चर्चित व्यक्ति जुलूस में शामिल हुये. इसके अलावा चाहे शिक्षा विभाग के अधिकारी हों या फिर प्रशासन व पुलिस के अधिकारी. सभी ने जुलूस में भागीदार बन कर लोगों को हौसला बढ़ाया. व्यवसायी वर्ग के प्रतिनिधियों ने भी इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. जुलूस समाप्ति पर जब अमर शहीद खुदीराम स्मारक पर फल बेचनेवाली सरिता देवी ने माल्यापर्ण किया, तो उसके चेहरे की चमक देखनेवाली थी. वोटिंग के लेकर सरिता भी उत्साहित थी. इसके बाद फोन, मेल व अन्य माध्यमों से शहर के लोगों के सुझाव वोटिंग का प्रतिशत बढ़ाने को लेकर मिलते रहे. छह मई को हमने वोटिंग के एक दिन पहले फिर से लोगों से बात की. शहर के विभिन्न तबकों के बीच गये, जो बात सामने निकल कर आयी, उसे बेहतर तरीके से छापा. इसका असर हुआ, लोग घरों से निकले. बूथ पर पहुंचे और बड़ी संख्या में मतदान किया. जय लोकतंत्र, जय मतदाता!