निरसा: डीवीसी के विखंडन के प्रस्ताव पर कर्मचारियों के तेवर उग्र हो गये हैं. बुधवार को डीवीसी के निदेशक (सिविल) सह अतिरिक्त सचिव पल्लव राय को पहले मैथन और उसके बाद पंचेत में भारी फजीहत का सामना करना पड़ा.
श्री राय टीम के साथ सर्वे कर रहे थे. पंचेत में तो टीम के वाहन पर पथराव किया गया और सदस्यों को लगभग दो घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया. टीम में शामिल श्री राय के अलावा सीइ प्रभात किरण, डीसीइ सपन मजूमदार व अरनब भट्टाचार्य, इइ संजीव कुमार, जेइ धनंजय राय मैथन स्थित डैम तलहटी के पंप हाउस पहुंचे. यहां निरीक्षण करने की सूचना कर्मियों व अधिकारियों को लग गयी. करीब पांच सौ की संख्या में कर्मी यहां पहुंच गये. कर्मियों का एक ही सवाल श्री राय से था कि क्या वे डीवीसी के हित में सर्वे के लिए पहुंचे या फिर विखंडन में सहायक हैं. परंतु श्री राय जवाब देने के बदले टीम के साथ पंचेत के लिए रवाना हो गये.
जीरो प्वाइंट पर घिरे अधिकारी
डीवीसी पंचेत के कर्मचारी, ट्रेड यूनियन व आम नागरिक जीरो प्वाइंट के समीप टीम का इंतजार कर रहे थे. जैसे ही टीम 11 बजे के करीब वहां पहुंची आगे चल रहे इनोवा को लोगों ने घेर लिया. इनोवा में श्री राय व श्री किरण को घेर लिया. किसी तरह चालक वाहन को बैक कर वहां से भाग खड़ा हुआ. पीछे की कार में आ रहे सपन मजूमदार, दीपांकर चौधरी आदि भी भीड़ को देख वाहन पीछे कर वहां से जाने लगे. परंतु भीड़ ने वाहन को घेर लिया.
भीड़ इतनी उग्र हो गयी कि दोनों को वाहन से निकाल उसमें रखे कागजातों में आग लगा दी. दोनों अधिकारियों को भीड़ ने बंधक बनाकर छाता मोड़ पंचेत ले जाकर पेड़ के नीचे में बैठा दिया. इधर सीआइएसएफ के फायर विंग आगजनी की सूचना पर वहां पहुंची और आग बुझायी. लोग दोनों अधिकारी से पल्लव राय व प्रभात किरण को बुलाने की मांग करने लगे. रास्ते से गुजर रहे पंचेत के परियोजना प्रमुख को भी जमकर खरीखोटी सुनायी गयी. इस दौरान सीआइएसएफ से भी नोकझोंक हुई.
जब डेढ़ बजे तक श्री राय नहीं आये, तो बंधक बनाये दोनों अधिकारियों को लोगों ने लिखित आश्वासन के बाद छोड़ दिया. अधिकारियों ने लिखित रूप में दिया कि वे लोग सीइ मैथन के निर्देश पर संयुक्त वित्तीय आकलन करने पंचेत आ रहे थे. जिसमें डैम मेंटनेंस, इंटेक गेट व अन्य मरम्मति कार्य का सर्वे करना था. लिखा कि उनका पंचेत आने का यही उद्देश्य था, न कि वे डीवीसी को बेचने के लिए सर्वे करना चाहते थे. अधिकारी द्वय का कहना था कि वे भी डीवीसी के विखंडन के व एनटीपीसी के हाथों बेचने के खिलाफ हैं.