भागलपुर: बिलाल ने पुलिस को बताया कि वह मुंबई में कपड़ा सिलाई का काम करता था. अपने दोस्त मो तकी के साथ बोरीवली में रहता था. उसकी मोबाइल पर अक्सर शायरा का फोन आता था. वह मो तकी को खोजती थी. उसके नहीं रहने पर बिलाल से बातें करती थी. मो तकी उसे बात नहीं करना चाहता था. लड़की भी मुंबई में रह कर काम करती थी. दोस्त ने उसका नंबर लड़की को दे दिया.
उसके बाद से लड़की लगातार उससे मोबाइल पर बात करती थी. बिलाल ने बताया कि एक दिन अचानक से फोन आया कि उसके साथ शादी करना चाहती है.
शादी से मना करने पर शायरा ने झूठा केस में फंसाने की धमकी दी. बिलाल ने कहा कि वह डर गया. शायरा के दबाव में पहले मुंबई कोर्ट में लड़की को इसलाम धर्म में कबूल कराया. फिर उसके साथ पांच माह पहले शादी की. कुछ महीने मुंबई में साथ बिताया. लेकिन लड़की की आदत ठीक नहीं रहने परअक्सर झगड़ा हो जाता था. किसी तरह वह अकेले अपने घर चला आया. शायरा को पता लगा, तो वो भी भागलपुर आने के लिए दबाव बनाने लगी. फिर दोबारा अपने परिजनों के साथ मुंबई गया. 11 मार्च परिजनों व पत्नी के साथ भागलपुर आ गया. सब कुछ ठीक चल रहा था. बिलाल ने बताया कि 23 अप्रैल की रात में शायरा ने दूसरे कमरा में फांसी लगा कर जान दे दी. डर से पुलिस को इसकी सूचना नहीं दी. पुलिस से बचने के लिए 24 अप्रैल को करोड़ी बाजार कब्रिस्तान में इशा की नमाज के बाद सुपुर्द -ए-खाक किया.