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प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष एक ही व्यक्ति को होना चाहिए : चिदंबरम

नयी दिल्ली : वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष एक ही व्यक्ति हों तो काफी अच्छा हो. उन्होंने एनडीटीवी से कहा, सामान्य रुप से..पार्टी नेता और प्रधानमंत्री एक ही व्यक्ति को होना चाहिए.. यह उस समय पर निर्भर करेगा जिसमें हम रह रहे हों. आज, […]

नयी दिल्ली : वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष एक ही व्यक्ति हों तो काफी अच्छा हो. उन्होंने एनडीटीवी से कहा, सामान्य रुप से..पार्टी नेता और प्रधानमंत्री एक ही व्यक्ति को होना चाहिए.. यह उस समय पर निर्भर करेगा जिसमें हम रह रहे हों.

आज, मैं महसूस करता है कि काफी अच्छा हो अगर पार्टी प्रमुख और प्रधानमंत्री एक ही व्यक्ति हों. चिदंबरम प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूर्व मीडिया सलाहकार संयज बारु के दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे. बारु ने कहा था कि संप्रग एक सरकार में असली सत्ता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास थी. मंत्री ने हालांकि बारु के उन दावों को खारिज कर दिया कि महत्वपूर्ण फाइलों को सोनिया गांधी देखती थीं.

बारु ने अपनी किताब दि एक्सीडेंटल प्रधानमंत्री में कहा है कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पुलक चटर्जी महत्चूर्ण फाइलों पर सोनिया गांधी से निर्देश लेते थे. चिदंबरम ने कहा कि आजादी के बाद पहले कुछ सालों में पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री अलग अलग व्यक्ति थे लेकिन उस समय प्रधानमंत्री का व्यक्तित्व पार्टी अध्यक्ष से अपेक्षाकृत काफी बडा था. भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को मजबूत नेता के रुप में पेश किए जाने के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में चिदंबरम ने कहा कि देश को हिटलर या मुसोलिनी जैसे मजबूत नेता की जरुरत नहीं है.

उन्होंने कहा, मैंने लोगों से सुना है कि वे ऐसा नेता चाहते हैं जो लोगों के सभी तबकों को स्वीकार्य हो, जो बुद्धिमान और दयालु हों. मैं नहीं समझता कि लोग कोई मजबूत नेता चाहते हैं. मैं नहीं समझता कि लोग इस देश में हिटलर या मुसोलिनी चाहते हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या वह मोदी का जिक्र हिटलर या मुसोलिनी के रुप में कर रहे हैं, चिदंबरम ने कहा, मैं किसी का जिक्र हिटलर या मुसोलिनी के रुप में नहीं कर रहा हूं. मैं कह रहा हूं कि कुछ लोग हैं जो कल्पना करते हैं कि वे मजबूत और निर्णायक नेता बन सकते हैं तथा जिस भाषा का इस्तेमाल वे करते हैं और जैसा हावभाव प्रदर्शित करते हैं, उससे फासीवाद की छवि उभरती है.

राबर्ट वाड्रा से जुडे विवाद पर चिदंबरम ने कहा, ह्यह्य वह एक निजी व्यक्ति हैं और जब तक कोई औपचारिक शिकायत दाखिल नहीं करता…सरकार स्वेच्छा से नहीं कहती कि किसी निजी नागरिक की जांच करायी जाए. उन्होंने कहा, किसी को पहले जांच एजेंसी या कर प्राधिकार से औपचारिक शिकायत दर्ज करानी चाहिए और वे इसमें गौर करेंगे. किसी ने अब तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं करायी है, तो सरकार किसी निजी व्यक्ति की जांच क्यों करे? भाजपा ने राजस्थान और हरियाणा सरकार पर राबर्ट वाड्रा को लाभ देने का आरोप लगाया है.

उन्होंने कहा कि मोदी के करीबी माने जाने वाले उद्योगपति गौतम अदाणी के मामले की तुलना वाड्रा से नहीं की जा सकती. अदाणी मुद्दा सांठगांठ वाले पूंजीवाद में राज्य के जुडे होने का मामला है. यह पूछे जाने पर कि क्या प्रियंका गांधी को राजनीति में बडी भूमिका निभानी चाहिए, चिदंबरम ने कहा कि यह फैसला उनको करना है और पार्टी उन पर दबाव नहीं बना सकती.

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