नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के सत्ता से बाहर जाने के बाद दिल्ली सरकार के जन शिकायत निगरानी प्रकोष्ठ में दर्ज करायी जाने वाली शिकायतों की संख्या में कमी आयी है.दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने बताया कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार के 49 दिनों के दौरान जन शिकायत निगरानी प्रकोष्ठ में हरेक सप्ताह औसतन लगभग 4,000 शिकायतें दर्ज की जाती थी जो अब घट कर केवल 150 रह गयी है.
इसके अलावा 90 प्रतिशत शिकायतों को खाजिर कर दिया गया, क्योंकि उनकी शिकायतें सही नहीं थी.मामलों पर कडी कार्रवाई करते हुये मुख्य सचिव ने शिकायत निगरानी प्रकोष्ठ को तैयार रहने और उनके द्वारा विभिन्न शिकायतों पर की गयी कार्रवाई की सूचना का प्रसार करने का निर्देश दिया. सूत्रों के मुताबिक, संबंधित विभाग के अधिकारियों के लचर रवैये के कारण इसमें तेज गिरावट दर्ज की गयी है.
विभागों के प्रमुखों की एक बैठक में मुख्यमंत्री कार्यालय के अतिरिक्त सचिव रवि दधीच ने बताया कि 15,000 लंबित मामलों में से लगभग 15 प्रतिशत दिल्ली पुलिस से संबंधित, एमसीडी (उत्तर दक्षिण), शिक्षा विभाग, डीडीए और नई दिल्ली म्यूनिसिपल काउंसिल (एनडीएमसी) से संबंधित हैं.बैठक के बारे में बताया गया कि प्रति सप्ताह के हिसाब से नए मामलों की संख्या घट कर, 150 पर आ गयी हैं. मुख्य सचिव ने जोर देकर कहा कि शिकायतकर्ताओं को विभाग द्वारा की गयी कार्रवाई के बारे में सूचना देते रहना चाहिए.