रांचीः राज्य के करीब 38 लाख बच्चों को दो वर्षो से विटामिन-ए की खुराक नहीं दी गयी है. इससे उनकी सेहत पर असर पड़ सकता है. ये बच्चे नौ माह से पांच वर्ष तक की उम्र के हैं. जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व स्वास्थ्य उप केंद्रों में विटामिन-ए उपलब्ध नहीं है. बच्चों को खुराक का तीसरा डोज फरवरी 2012 में दिया गया था.
इधर, केंद्र सरकार ने बगैर टेंडर निकाले सार्वजनिक क्षेत्र की मेडिसिन कंपनियों से दवा खरीदने की छूट दे दी है. स्वास्थ्य मंत्रलय की चिट्ठी में कहा गया है कि विटामिन-ए सहित अन्य जरूरी दवाएं कर्नाटक एंटीबायोटिक, बंगाल केमिकल्स, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक, राजस्थान ड्रग्स व इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स से खरीदी जा सकती है. एक-दो दिनों में किसी कंपनी को खरीद का आदेश दिया जा सकता है. फिलहाल विटामिन ए का खरीद आदेश फाइलों में फंसा है.
जरूरी है विटामिन-ए
चिकित्सकों के अनुसार विटामिन-ए खास कर पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को दी जाती है. विटामिन-ए की कमी से दृष्टि दोष व अंधापन का खतरा रहता है. संक्रमण से लड़ने में भी यह विटामिन सहायक है. कुपोषित बच्चों को इसकी खास जरूरत होती है. झारखंड में अति कुपोषित बच्चों की संख्या लगभग पांच लाख है.