नयी दिल्ली: साम्प्रदायिकता स्वीकार नहीं करने संबंधी नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला की टिपप्णी पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए भाजपा ने आज कहा कि देश को इस केंद्रीय मंत्री से धर्मनिरपेक्षता का प्रमाणपत्र नहीं चाहिए.
भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने यहां कहा, ‘‘न तो देश को और न ही जम्मू कश्मीर को फारुक अब्दुल्ला से धर्मनिरपेक्ष होने का प्रमाणपत्र पाने की जरुरत है. चिंता की मुख्य बात जम्मू कश्मीर में (पहले) उनकी और (अब) उनके बेटे (उमर) की भ्रष्ट सरकारें हैं.’’ जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने श्रीनगर में कहा है, खुदा हमें साम्प्रदायिक शक्तियों से बचाए जिससे कि हम आगे बढ सकें. भारत साम्प्रदायिक नहीं बन सकता. अगर यह साम्प्रदायिक हो गया तो कश्मीर भारत में नहीं बना रह सकेगा. कश्मीरियों को साम्प्रदायिकता स्वीकार नहीं है.
प्रसाद ने पलटवार में कहा कि संप्रग के सहयोगी दल नेशनल कांफ्रेंस के शासन में जम्मू कश्मीर में सुशासन सबसे बडा शिकार बना है और फारुक अब्दुल्ला तथा उनकी पार्टी की सरकार इसकी जिम्मेदार है. भाजपा नेता ने कहा, हम उनको याद दिलाना चाहते हैं कि जब वह मुख्यमंत्री थे तब वहां उग्रवाद बढा था और सुशासन आहत हुआ था.
भाजपा को ‘‘समुद्र में डुबा देने’’ संबंधी फारुक अब्दुल्ला की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया करने से इंकार करते हुए उन्होंने कहा वह ‘‘उल-जुलूल’’ बातों पर कुछ नहीं कहेंगे.