रांची: दुमका के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा किये गये बारूदी सुरंग विस्फोट की घटना के दूसरे दिन कई तथ्य सामने आने लगे हैं. पुलिस को खबर मिली है कि शिकारीपाड़ा इलाके में सक्रिय पुलिस टीम पर लगातार नजर रखी जा रही थी.
बाइक से नक्सली पुलिस पर नजर रख रहे थे. नक्सली उस रास्ते से लौट रही पुलिस की अंतिम टुकड़ी को निशाना की तैयारी में सड़क किनारे घात लगा कर बैठे थे. नक्सलियों को पक्की सूचना मिल चुकी थी कि पुलिस के जवान मतदान कर्मियों के साथ बस में सवार हैं.
..तो बच जाती आठ की जान : घटनास्थल का मुआयना कर लौटे दुमका पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक वहां सावधानी नहीं बरती गयी. नक्सल प्रभावित इलाके में बस में फोर्स के बैठने का कोई मतलब नहीं था. पुलिस व मतदानकर्मियों के जिस दल को नक्सलियों ने निशाना बनाया, उसमें शिकारीपाड़ा थाना के एक एएसआइ भी थे. उन्होंने भी एहतियात नहीं बरती. पुलिस व मतदान कर्मियों को शिकारीपाड़ा पहुंचना था. घटनास्थल शिकारीपाड़ा से करीब 15 किमी दूर है. घटना शाम करीब 4.15 बजे हुई. अंधेरा होने में दो घंटे का वक्त था. पुलिस के जवान पैदल चल कर शिकारीपाड़ा पहुंच सकते थे. इस स्थिति में यदि नक्सली हमला भी करते, तो मुठभेड़ होता. नुकसान नहीं उठाना पड़ता.
घटना से कुछ वक्त पहले तक उस सड़क से मतदानकर्मियों और पुलिस के जवान गुजरे थे. सीआरपीएफ के जवान भी उस सड़क से पैदल ही चल कर शिकारीपाड़ा पहुंचे थे. चूंकि पुलिस के जवान पैदल चल रहे थे, इसलिए नक्सली हमला करने की हिम्मत नहीं जुटा सके.
सेक्टर मजिस्ट्रेट की गाड़ी थी निशाने पर !
दुमका: पलासी-सरसाजोल के रास्ते में मतदानकर्मियों से भरी बस लैंडमाइंस की चपेट में आ गयी थी, लेकिन नक्सलियों के निशाने पर सेक्टर मजिस्ट्रेट की गाड़ी थी.
जानकारी के मुताबिक सेक्टर 10 के अंतर्गत बूथ नंबर 89, 98, 96, 97, 99, 104, 102, 103, 100 एवं 101 बूथ शामिल थे. सेक्टर मजिस्ट्रेट की टाटा मैजिक गाड़ी में सुरक्षाकर्मी हथियारों के साथ मौजूद थे. इनकी गाड़ी लैंडमाइंस से होकर गुजर गयी, लेकिन जैसे ही 10 मीटर पीछे चल रही बस पीसीसी सड़क को काट कर खेतों में एक किनारे से दूसरे किनारे तक पानी ले जाने के लिए बनाये गये नाले से होकर गुजरी, तेज धमाका हो गया. बस का बायां हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. खलासी की मौत दरवाजे के पास लटके-लटके ही हो गयी थी. टाटा मैजिक पर नक्सलियों ने दाहिनी ओर से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. मैजिक गाड़ी से बायीं ओर कूद कर जवानों ने मोरचा भी लिया, लेकिन वे ज्यादा देर तक सामना नहीं कर पाये और नक्सली वारदात को अंजाम देने के बाद पांच इंसास, 550 चक्र गोली और 25 मैगजीन लूटने के बाद भाग गये. मैजिक के चालक आलमगीर साईं को भी गोली लग गयी थी. आलमगीर जिस ओर बैठा था, उसी ओर से फायरिंग हो रही थी. गाड़ी में गोली लगने से पांच-छह स्थानों पर छेद हो गये थे. आशंका जतायी जा रही है कि यही गोली उसे लगी भी. फिलहाल आलमगीर का इलाज चल रहा है. उसे रेफर कर दिया गया है.
आधे घंटे तक चलती रहे गोलियां और बम
रांची: दुमका घटना में जख्मी मतदान कर्मी (पी-वन) राम प्रताप रजक (58) को रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में भरती कराया गया है. जख्मी राम प्रताप ने प्रभात खबर को बताया कि काफी संख्या में नक्सलियों ने बस पर हमला कर दिया था. आधे घंटा तक बम व गोलियां चलती रही. कई जवान व हवलदार मारे गये. इस हमले में घायल होने के बाद हमलोग बस की सीट के नीचे लुढ़क ाये थे. बस का चक्का फटा, तो जोरदार धमाका हुआ. उस दौरान बस दो हिस्सों में बंट गया. गोली बारी धमी, तो नक्सलियों ने हमलोगों की मोबाइल और हथियार लूट लिये. कई नक्सली बस की खिड़की से हाथ घुसा कर सामान खींच रहे थे. नक्सली गाड़ी की बैटरी भी खोल कर ले गये.
राम प्रताप के सिर, जांघ, हाथ, पैर, गले व चेहरे पर जख्म हैं. वह डॉ आर एल रजक की देखरेख में इलाजरत हैं. वह जिला उद्योग केंद ्र(अग्र परियोजना केंद्र),कांटीजोरिया में जेइ हैं. उन्होंने बताया कि चुनाव प्रभारी सुधीर कुमार ने उनकी काफी मदद की. उनके साथ उनकी सेवा में उनकी पुत्री रेखा देवी लगी हुई है. राम प्रताप अपने परिवार के साथ दुमका में घर बना कर रहते हैं. वे लोग मूल रूप से भागलपुर के पीरपैंती के रहनेवाले हैं.
पांच इनसास, 550 चक्र गोली 25 मैगजीन ले गये : डीजीपी
दुमका: भाकपा माओवादियों के जिस दस्ते ने इस बड़े नक्सली वारदात को अंजाम दिया, वह आठ लोगों की हत्या करने तथा 11 लोगों को जख्मी करने के बाद भारी मात्र में हथियार एवं कारतूस लूट कर ले जाने में सफल रहा है. झारखंड के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने दुमका पहुंच कर बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली दस्ते के सदस्य पुलिसकर्मियों से पांच इनसास, 550 चक्र गोली तथा 25 पीस मैगजीन ले गये हैं.
उल्लेखनीय है कि शिकारीपाड़ा प्रखंड के सेक्टर 10 के अंतर्गत बूथ नंबर 100 प्राथमिक विद्यालय जामकांदर शिकारीपाड़ा एवं बूथ नंबर 101 उत्क्रमित मध्य विद्यालय असना शिकारीपाड़ा की पोलिंग पार्टी एवं सुरक्षाकर्मी 32 सीट वाले बस से सरसा-पलासी के रास्ते लौट रहे थे, तभी पीसीसी पत्थर पर लैंड माइंस विस्फोट हो गया था.
एक इनसास व एक कार्बाइन बरामद
सुरक्षाकर्मियों का एक इनसास और एक कार्बाइन नक्सलियों के हाथ लगने से बच गया. फायरिंग के बाद सुरक्षाबल का इंसास घटनास्थल से लगभग 150 मीटर की दूरी पर खेत में पड़ा मिला, कार्बाइन बस में ही थी. कार्बाइन भी क्षतिग्रस्त हो चुका था.
सीबीआइ या एनआइए से जांच हो : बाबूलाल
दुमका: पूर्व मुख्यमंत्री व जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा है नक्सली घटना पूरी तरह से प्रशासन की जान-बूझ कर बरती गयी लापरवाही की वजह से घटी है. नक्सली घटना में शहीद हुए जवानों व मतदानकर्मियों क ो उनकी पार्टी श्रद्धांजलि अर्पित करती है. उन्होंने पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा : प्रशासन को पूर्व से ही पता था कि बूथ और इलाका संवेदनशील है.
नक्सलियों ने पोस्टरबाजी कर भी यह दर्शाया था कि वे बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं. बावजूद जिस तरीके से कल के चुनाव में नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ति की गयी थी, ऐसा लग रहा था कि प्रशासन ने पूरी तरह खुली छूट दे रखी थी. थाना में पारा मिलिट्री फोर्स को रखा गया था और शहरी क्षेत्र के बूथों में उनको सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंप दी गयी थी, जबकि उग्रवाद प्रभावित इलाकों और संवेदनशील-अति संवेदनशील बूथों में जिला पुलिस बल के जवानों को तैनात किया गया था. श्री मरांडी ने कहा : नक्सली गतिविधि की जानकारी सरकार को है, पुलिस को है, फिर भी कार्रवाई नहीं हो रही है, तो इसका मतलब साफ है कि कहीं न कहीं उनका समर्थन है.
श्री मरांडी ने कहा कि वे मांग करेंगे कि पूरे घटनाक्रम की सीबीआइ अथवा एनआइए से जांच करायी जाये. तभी पता चल पायेगा कि पुलिस ने सक्रियता क्यों नहीं दिखायी. उन्होंने कहा : चुनाव के दौरान सरकारी मशीनरी का खूब दुरुपयोग हुआ है. चुनाव आयोग से भी वे मांग करेंगे कि दुमका जिला के पूरे प्रशासन को चुनाव प्रक्रिया से बाहर करें, तभी निष्पक्षता से काम हो पायेगा. मशीनरी का दुरुपयोग कर चुनाव जीतने की कोशिश हुई है.
घटना के बाद भी गैर जिम्मेदार दिखी पुलिस: श्री मरांडी ने कहा कि घटना के बाद भी पुलिस प्रशासन गैर जिम्मेदार दिखी. सेना का हेलीकाप्टर मौजूद रहने के बावजूद किसी तरह की कोशिश नहीं की गयी. समय पर वहां से घायलों को लाया नहीं गया. श्री मरांडी ने बताया कि उन्होंने कल की घटना की जानकारी मिलने पर एसपी को फोन लगाया था, लेकिन उन्होंने न तो रिसीव किया, न ही बाद में फोन किया.