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रुक-रुक कर फटे आठ सिलिंडर, दहला इलाका

पटना: वेटनरी कॉलेज कैंपस में बनीं 50 झोंपड़ियां जल कर खाक हो गयीं. अगलगी में आठ बड़े सिलिंडर एक -एक कर फटने लगे. धमाके की आवाज से इलाका दहल उठा. आग इतनी तेजी से फैली कि लोगों ने किसी तरह अपनी जान और सो रहे बच्चों को बाहर निकाला. सामान निकालने तक का समय नहीं […]

पटना: वेटनरी कॉलेज कैंपस में बनीं 50 झोंपड़ियां जल कर खाक हो गयीं. अगलगी में आठ बड़े सिलिंडर एक -एक कर फटने लगे. धमाके की आवाज से इलाका दहल उठा. आग इतनी तेजी से फैली कि लोगों ने किसी तरह अपनी जान और सो रहे बच्चों को बाहर निकाला.

सामान निकालने तक का समय नहीं मिला. सात दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं और करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. मौके पर सिटी एसपी जयंतकांत, सदर एसडीओ पंकज दीक्षित, सचिवालय डीएसपी डॉ शिबली नोमानी दल-बल के साथ पहुंचे और राहत कार्य में जुट गये. पीड़ितों की सूची बनायी गयी और उन्हें सरकारी नियमानुसार नगद व राहत सामग्री दी गयी.

खाना बनाने के दौरान लगी आग : आग लगने का कारण खाना बनाना बताया जाता है. करीब 12 बजे पश्चिम की ओर बनी एक झोंपड़ी में आग लगी और वह धीरे-धीरे बढ़ने लगी. उस झोंपड़ी में रहनेवाले लोग निकल कर बाहर भागे. इसी बीच उस झोंपड़ी में रखे सिलिंडर ब्लास्ट कर गये. सिलिंडर ब्लास्ट होने के कारण उसके टुकड़े भी काफी दूर गिरने लगे. इस कारण एक कतार से सात झोंपड़ियां जल कर खाक हो गयीं. आधे घंटे के अंदर ही पचास झोंपड़ी जल कर खाक हो गयीं.

हर साल अगलगी : जिस जगह पर आग लगी है, वहां पिछले दो साल से आग लग रही है. पहले यहां केवल बांस व फूस की झोंपड़ियां थीं, लेकिन बाद में लोगों ने मिट्टी की दीवार खड़ी कर ली. बावजूद तीसरी बार यहां आग लगी.

जमीन खरीदनी थी जल गये सारे पैसे
झोंपड़ियों में रखे कपड़े, बरतन, आभूषण, अलमारी, कूलर, बेड व पंखा सब जल कर खाक हो गये. छठी देवी ने 40 हजार रुपये जमीन खरीदने के लिए बैंक से निकाल कर रखे थे, जो जल गये. वह खाना बनाने में लगी थी कि अचानक आग लग गयी. किसी तरह बच्चों को घर से निकाला. इतना समय भी नहीं था कि बक्से में रखे पैसों को बाहर निकाले. रंजन कुमार के घर में रखी दवा और पैसे भी जल कर खाक हो गये. रंजन की पत्नी अस्पताल में एडमिट है और उसने घर में कुछ राशि व दवाएं रखी थीं. कलावती देवी ने हाल ही में जमीन खरीदी थी. उसका कागजात जल गया. पासबुक और गैस के कागजात भी जल गये.

इन लोगों को हुआ ज्यादा नुकसान
टुनटुन पासवान, सारो देवी, सुनील कुमार, संतोष राम, रामाशंकर साव, सुधा देवी, रंजन मंडल, अजरुन राम, अनोज साव, रामनाथ, विजय कुमार, बृजनंदन राम, प्रकाश पासवान, गायत्री देवी, कलावती देवी, अशोक पासी, गोरख साव, छठी देवी व रंजन कुमार समेत पचास लोगों की झोंपड़ियां जल गयीं. टुनटुन पासवान की बकरी भी जल गयी.

कई अरमान भी हुए दफन

पटना: वेटेनरी कॉलेज परिसर में अगलगी ने कई लोगों के अरमान में आग लगा दी. किसी परिवार में शादी के लिए रखे गये कपड़े जल गये,तो कहीं रोजगार के लिए एकत्रित पैसे खाक हो गये. रामसेवक का सपना झोंपड़ी के साथ ही जल गया. सब्जी का ठेला लगाने वाले रामसेवक ने बेटे अमितेश कुमार की पढ़ाई के लिए पैसे एकत्रित किये थे. अमितेश छपरा से आइटीआइ कर रहा है. पढ़ाई में हर साल 25 हजार रुपये फीस लगता है. अमितेश ने जनवरी में ही पिता से पैसे के इंतजाम की बात कही थी. अमितेश की मांग के बाद से राम सेवक पैसे के इंतजाम में जुट गये. उन्होंने 15600 रुपये एकत्रित किये थे. अगलगी के बाद भी राम सेवक का हौसला कम नहीं हुआ. उसका कहना है कि भगवान ने दुख दिया है, तो रास्ता भी वही निकालेंगे. रामसेवक के साथ ही बड़गो व ओम प्रकाश के सपने भी राख हो गये. बड़गो ने मई में बेटी की शादी के लिए कपड़े व अन्य सामान की खरीदारी की थी, लेकिन आग ने सब कुछ बरबाद कर दिया. ओम प्रकाश कबाड़ बेचने का काम करता है. उसने एक साल की मेहनत के बाद दस हजार रुपये एकत्रित किये थे ताकि पान की दुकान लगा सके. आग ने सपने में आग लगा दी.

बचाव के लिए उजाड़ा आशियाना : आग की लपटें कई घरों को अपनी चपेट मे ले रही थीं. जिनके घर सलामत थे. उन्होंने भी बढ़ती आग से बचाव के लिए अपने हाथों से उजाड़ना शुरू कर दिया.

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