लीलावती जानकी विला तोड़ने के लिए चिह्न्ति
पटना : बोरिंग कैनाल रोड से निकले लिंक रोड राय जी की गली में निर्माणाधीन लीलावती जानकी विला अपार्टमेंट को लेकर नरेंद्र मिश्र ने हाइकोर्ट में जनहित याचिका (पीआइएल) दायर की. इस केस की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने नगर निगम प्रशासन को फटकार लगाते हुए अवैध निर्माण पर रोक लगाने का आदेश दिया था. इस आदेश के आलोक में निगम प्रशासन सख्त हुआ और अवैध निर्माणाधीन अपार्टमेंटों पर निगरानीवाद केस दर्ज किये जाने लगे.
निगरानी कोर्ट का फैसला आने के बाद सोमवार को निगम प्रशासन की टीम ने निर्माण स्थल पर पहुंच कर अवैध निर्माण को तोड़ने लिए चिह्न्ति किया. चिह्न्ति करने के बाद भू-स्वामी व बिल्डर से कहा गया है कि शीघ्र अवैध निर्माण को तोड़ दें, अन्यथा निगम अपने संसाधन से तोड़ेगा और लागत वसूल करेगा. गौरतलब है कि निगम क्षेत्र का पहला अपार्टमेंट है, जिसको निगम प्रशासन ने तोड़ने के लिए चिह्न्ति किया है. हाइकोर्ट के निर्देश के बाद निगम प्रशासन ने बिल्डर राकेश रंजन व राजीव और भू-स्वामी परीक्षण नारायण सिंह को प्रतिवादी बनाते हुए निगरानीवाद केस दर्ज किया. नगर आयुक्त के कोर्ट में निगरानीवाद की सुनवाई हुई और नगर आयुक्त ने चौथा तल्ला तोड़ने का आदेश दिया. नगर आयुक्त ने 26 जून, 2013 को तोड़ने का आदेश दिया. इस आदेश के विरुद्ध बिल्डर न तो ट्रिब्यूनल गये और न ही हाइकोर्ट.
नक्शे में विचलन
नक्शा जी+3 का स्वीकृत था, लेकिन बिल्डर ने जी+4 का अपार्टमेंट बना लिया. बाइलॉज के अनुसार वास्तुविद ने आठ फुट की सड़क पर जी+3 फ्लोर का नक्शा पारित कर लिया, लेकिन नक्शा में विचलन कर निर्माण कराया.